Bhasha kise kahate hain जैसा की हम सब जानते हैं अपने डेली बोलचाल में बोलने के लिए और कम्युनिकेशन के लिए जिस माध्यम का इस्तेमाल करते हैं या अपने विचारों को अभिव्यक्त करने के लिए जिसका हम इस्तेमाल हैं उसे भाषा कहते हैं।
यह सिर्फ भाषा की परिभाषा है हम इस आर्टिकल में भाषा को पुरे विस्तार से जानेंगे जैसे भाषा क्या है ? भाषा के कितने प्रकार होते हैं ? ताकि आप पूरे अच्छे से समझ सकें और हमें यकीं है आपको पूरा पढ़ने के बाद भाषा को ले कर आपके मन में को सभी सवाल ना रहे।
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भाषा क्या है? | Bhasha kya hai?
अगर हाँ नार्मल शब्दों में कहे तो जब हमें अपने विचारों को अभिव्यक्त करनी होती है तो हम अपने भाषा के माध्यम से अपने विचारों एक जगह से दूसरी जगह या एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचा सकते हैं अपने विचारों को दूसरे व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए हम भाषा का इस्तेमाल करते हैं।
भाषा शब्द Latin भाषा के शब्द Linguaticum या lingua से बना है जिसका अर्थ “जीभ” होता है।
हम सब जानते हैं की भाषा हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है। अगर भाषा ना हो तो हम सकते हैं कि जीवन भी नहीं होगा क्योंकि भाषा ह एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा हम अपनी बात दूसरों तक पहुंचा सकते हैं। जैसे हम क्या करना चाहते है क्या सोचते हैं ये सब हम दूसरों को बता सकते हैं।
हम अपनी जरुरत ,इच्छाओं ,चाहत्तों ,विचारों ,सुक्ख और दुक्ख को किसी को बताने के लिए हम हर रोज़ लिख कर या बोल कर या इशारे में किसी न किसी रूप से हम भाषा का उपयोग करते हैं।
भाषा का क्या महत्व है?
भाषा ही हमें इंसान बनाती है। इस तरह लोग से बात करते हैं। एक भाषा सीखने का मतलब है कि आपने दूसरों के साथ सही ढंग से बात करने के लिए शब्दों की संरचना और व्याकरण में महारत हासिल कर ली है।
ज्यादातर लोगों के लिए, भाषा स्वाभाविक रूप से आती है। हम बात करने से पहले ही कम्यूनिकेट करना सीखते हैं और जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं, हम शब्दों और कठिन वाक्यों के साथ जो कहना चाहते हैं उसे सही मायने में बोलने के लिए भाषा में हेरफेर करने के तरीके खोजते हैं।
भाषा की प्रकृति क्या है?
- भाषा वातावरणीय होती है हम जिस भी वातावरण में रहते उसी के according हमारी भाषा बन जाती है।
जैसे हम अगर हिंदी भाषा के वातावरण में रहते हैं तो हमारी भाषा हिंदी होगी। तो जिस भी चैत्र में आप रहते हैं वैसे ही आपकी भाषा होगी।
- भाषा विचारों की अभिव्यक्त होती है मतलब जो हम सोचते है उसे जो दूसरों को व्यक्त करते हैं।
- भाषा अनुकरणीय होती है इसका मतलब हम भाषा को देख कर सुन कर सिख सकते हैं। हमारे आस पास जो लोग होते हैं हमारे परिवार के लोग समाज के लोग उन्ही का तो हम देख कर या सुन कर भाषा बोलने लगते हैं।
- भाषा परिवर्तनशील होती है भाषा कोई fixed नहीं होती यह छेत्र और समय के अनुसार बदलती रहती है।भाषा की अनुकरण ठीक ढंग से न होने पर भी भाषा में परिवर्तन आ जाता है।
- भाषा लिखित होता है इसे बोलने के साथ लिखा भी जा सकता है।
भाषा को प्रभावित करने वाले कारक कौन–कौन हैं?
- बुद्धि ये देखा गया है बच्चे की जो बुद्धि होती है वो उसके भाषा के विकास पर बहोर इफ़ेक्ट करती है। जिन बच्चों का बुद्धि जिनका I.Q लेवल काम होती है वो थोड़ा देर से बोलना शुरू करते हैं। उनको शब्दों का ज्ञान काम होता है।
- लिंग भेद ये रिसर्च में देखा गया है की जेंडर difference भी भाषा को effect करता है लड़कों के भाषा का विकाश लड़कियों से काम होता है। लड़कियों के पास voccabulary और शब्द भंडार ज्यादा होती है और लड़कों के मुकाबले लड़कियों की भाषा जल्दी विकसित हो जाती है।
- कई भाषाओं का उपयोग करना भी भाषा पर effect पड़ता है जैसे पेरेंट्स में पिता कोई और भाषा बोलते हों और माँ कोई और भाषा बोलती हों तो बच्चे की भाषा दोनों भषाओं का मिश्रण बन जायेगा।
इस तरह से और भी कई factors हैं जो भाषा के विकास पर प्रभाव डालते हैं।
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- विशेषण के कितने भेद होते है?
भाषा कितने प्रकार के होते हैं?
उपयोग के आधार पर भाषा के दो प्रकार होते हैं
- लिखित
- मौखिक
लिखित
लिखित भाषा के माध्यम से हम अपने विचार या अभिव्यक्त को दूसरों को लिख कर करते हैं। लिखित भाषा स्थायी होती है।
मौखिक
मौखिक भाषा अभिव्यक्त का सबसे सरल साधन है। अपने विचार का आदान प्रदान के लिए मुख से बोले गए शब्द को मौखिक भाषा कहते हैं। इसके माध्यम से बोल कर हम अपने विचार को व्यक्त करते हैं।
व्यवहार के आधार पर कितने प्रकार के होते हैं?
व्यवहार के आधार पर भाषा पांच प्रकार के होते हैं!
- मूल भाषा
- मातृभाषा
- अंतर्राष्ट्रीय भाषा
- सांस्कृतिक भाषा
- राष्ट्रीय भाषा
चलिए बिस्तार से व्यवहार के आधार पर भाषा को देखते है
मूल भाषा
कोई एक भाषा मूल होती और उनसे कई अलग अलग भाषा बन जाती है तो जो कई भाषाओं की जो एक भाषा होती है उसी एक भाषा को मूल भाषा कहते हैं।
जैसे भारत देश की उत्तरी भाग है उसमे आर्य भाषा बोली जाती थी बाद में आर्य भाषा से ही सभी भाषा निकली हुई है जैसे हिंदी ,मराठी ,बांग्ला अब इन सारी भाषाओं की मूल भाषा आर्य हो गयी ।
मातृभाषा
इंसान अपने बचपन से जो भाषा बोलता है जिसे सीखने के लिए उसे कोई effort नहीं लगनी पड़ी हो जिसका वह अनुकरण कर के सीखता है जो उसके परिवार में बोली जाती है उसे मातृभाषाकहते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय भाषा
अन्तर्राष्ट्रीय भाषा वह भाषा है जो अंतरराष्ट्रीय लेवल पर बोली जाती है। जैसे english यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जाती हैं और ज्यादातर देश हैं जहाँ english बोली जाती है।
सांस्कृतिक भाषा
जो भाषा हमारे culture से जुडी होती है उसे सांस्कृतिक भाषा कहा जाता है। पुराने समाये में हमारे देश में सांस्कृतिक भाषा का इस्तेमाल होता था।
राष्ट्रीय भाषा
जो भाषा होती एक राष्ट्र की होती है तो उसे राष्ट्र भाषा का दर्ज़ा दे दिया जाता है। पूरी राष्ट्र के लिए प्राथमिक भाषा होती है।
उम्मीद है की इस लेख में आपको समझ आ गया होगा की bhasha kise kahate hain अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे दूसरे के साथ शेयर करें ताकि उन्हें भी भाषा की जानकारी हो सके।
अगर आपका Bhasha Kise Kahate Hain इस बारे में कोई सवाल और सुझाव हो तो नीचे कमेंट कर जरूर पुछे, धन्यवाद!
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