Lal kila kisne banwaya tha? दोस्तों क्या आप जानना चाहते हैं कि लाल किला किसने बनवाया था (lal kila kisne banwaya tha delhi ka), agra ka lal kila kisne banwaya tha तो हमारे इस article को अंत तक जरूर पढ़िएगा।
Red fort या लाल किला, दिल्ली या फिर पुरानी दिल्ली में, भारत के मुगल emperors के लिए एक बहुत ही ज्यादा जरूरी घर था। इस भाग को पढ़कर आपको पता चल गया होगा कि lal kila kahan sthit hai.
लाल किला पहले लाल और सफेद था, इसके डिजाइन का क्रेडिट इसके आर्किटेक्चर Ustad Ahmad Lahori को जाता है, जिन्होंने ताजमहल भी बनाया था।
अब आपको पता चल गया कि lal kila kisne banaya tha या इसके architecture कौन थे।
यह किला मुगल आर्किटेक्चर को दर्शाता है, और भारत के traditions के साथ महल के architecture को कंबाइन करता है।
सबसे पहले हम आपके सवाल का जवाब देना चाहते हैं कि आखिर लाल किला किसने बनवाया था।
अब हम आपको बताएंगे कि lal kila kisne banwaya tha hindi mai.
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लाल किला किसने बनवाया था? (lal qila kisne banwaya tha)
लाल किला, दिल्ली या फिर पुरानी दिल्ली के इलाके में बना था, यह लाल पत्थर से बना हुआ है, इसकी दीवारों का रंग लाल है, इसी वजह से इसका नाम लाल किला रखा गया था, इस किले को पांचवे मुगल बादशाह शाहजहां ने बनवाया था।
आप में से बहुत लोग यह बात पूछ रहे थे कि lal kila kisne banaya tha uska naam bataiye, तो अब आपको आपके सवाल का जवाब मिल गया होगा।
इस किले को मुगल सल्तनत की कारीगरी का बहुत ही बेहतरीन नमूना माना जाता है, यह किला 13 मई साल 1638 से शुरू होकर साल 1648 में बनकर तैयार हुआ था।
अब आपको आपके सवाल का जवाब मिल गया होगा कि lal kila kab bana tha.
इस किले को बनने में पूरे दस साल लगे थे, क्योंकि 1638 में इसको पूरा बनाने के लिए 1638 में मुगलों के पास वह तकनीक नहीं थी।
lal kila kahan hai या lal kila kahan per hai?
हम आपको बताना चाहेंगे कि लाल किला दिल्ली में स्थित है।
अब जबकि आपको यह पता चल गया है कि lal kila ko kisne banaya tha, तो अब हम आपको बताते हैं कि यह किला इतना ज्यादा मशहूर क्यों है।
लाल किला इतना ज्यादा मशहूर क्यों है?
“जैसे ही घड़ी में 12 बज जाएंगे, भारत एक आजाद देश बनकर जाएगा, जब सारी दुनिया सो रही होगी।” यह ऐतिहासिक speech लाल किले पर ही दिया गया था, जब भारत को अंग्रेजों की हुकूमत से आजादी मिली थी, जिस दिन को हम अब हर साल इंडिपेंडेंस डे के तौर पर बनाते हैं।
हालाकि, लाल किला इससे पहले भी बहुत ज्यादा फेमस था, क्योंकि दिल्ली में मुगलों के लिए बाकी शहरों के मुकाबले ज्यादा जरूरी थी।
लाल किले का इतिहास क्या है?
1638 में मुगलों के बादशाह शाहजहां ने आगरा को अपनी कैपिटल के रूप में हटाकर दिल्ली को अपनी कैपिटल बना लिया था और उन्होंने दिल्ली को बनाते समय उसे शाहजहानाबाद का नाम भी दिया था।
जैसे ही इन्होंने नया शहर बनाया, इन्होंने इस पैलेस की फाउंडेशन भी बना दी, जिसका नाम था लाल किला या रेड फोर्ट। यह एक बहुत ही ज्यादा बढ़ा बड़ी दीवारों वाला citadel था, जिसकी दीवारें लाल पत्थर से बनाई गई थी और जिसको पूरा बनाने में करीबन 10 साल लग गए थे।
माना जाता है कि इस किले को बनाने के लिए आगरा फोर्ट से भी ज्यादा बेहतर प्लान का इस्तेमाल किया गया था, क्योंकि शाहजहां ने उधर पर रहने के experience का इस्तेमाल इस किले को बनाने के लिए किया था।
इस किले पर मुगलों ने 200 साल तक राज किया था, उसके बाद यह अंग्रेजों के हाथ में चला गया था, आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर को 1837 में coronated कर दिया गया था, जिस समय कहा जाता है कि वह अपनी ताकतों का इस्तेमाल किले के बाहर नही कर सकते थे।
लाल किले या Red Fort का architecture कैसा है?
लाल किले का आर्किटेक्चर वैसा ही है जैसा मुगलों ने बाकी forts का भारत में बनाया है। यह आर्किटेक्चर मुगलों के तरीके का है, जिसमें Persian, Timurid और हिंदू ट्रेडीशंस का इस्तेमाल किया जाता है और इन तीनों तरीकों को मिलाकर किसी किले को बनाया जाता है।
जैसा कि दूसरे मुगलों के किलों में देखा गया है कि वहां कुछ जरूरी कमरे होते हैं, उसी तरह यहां भी Diwan-i-‘Am (जहां पर आम लोग बैठते हैं) और Diwan-i-Khas (जहां पर private में बातचीत होती है) बना हुआ है।
Diwan-i-‘Am की एंट्रेंस में नौबत खाना या ड्रम घर है, जहां पर संगीतकार गाना बजाना करते थे।
दीवाने आम में एक बहुत ही बड़ा हॉल है जहां पर एक नौ इंच का facade है, उस हॉल में ornaments से बना हुआ एक alcove था, जहां पर शाही throne को रखा जाता था।
ऐसा माना जाता था, दीवाने खास में शाहजहां का मजबूर मशहूर मोर की throne थी, जिसे बाद में परसिया के नादिर शाह ने छीन लिया था।
लाल किले में और भी देखने लायक और मशहूर चीजें है, जैसे कि रंग महल, मुमताज महल (जिसे अब एक म्यूजियम में कन्वर्ट कर दिया गया है), खास महल (यह एक प्राइवेट घर था जिसमें beads बताने के लिए एक चेंबर था, इसे तस्बीह खाना भी कहा जाता था, इसमें एक सोने के लिए भी चेंबर था, जिसे Khwabgah भी कहा जाता था, एक robe चेंबर था जिसे तोष खाना कहा जाता था) और Hammam यह एक बेहतरीन तरीके से बना हुआ शाही नहाने का area था, जो दीवाने खास की उत्तरी दिशा में था।
मुगलों का आर्किटेक्चर इतना ज्यादा मशहूर उनके बेहतरीन बगीचों की वजह से भी था, जैसे कि Hayat- Baksh- Bagh इसे जिंदगी देने वाला बाग भी कहा जाता है, इसमें लाल किले जैसे pavilions हैं।
लाल किले के कंपलेक्स में शाहजहां का एक पैलेस है, जिसके adjacent में सालमगढ़ किला है, जिसे 1546 AD में बनाया गया था, इसे भारत का archeological सर्वे मैनेज करता है। यह 2007 में UNESCO द्वारा दुनिया की एक हेरिटेज साइट भी घोषित की गई थी।
लाल किला दुसरो किलों से अलग कैसे है?
लाल किले को भारत की लगभग 26 प्राचीन इमारतों के साथ यूनेस्को ने दुनिया की heritage साइट्स में शामिल किया है, लाल किले के बारे में ऐसी कई बातें हैं जो लोगों में बहुत ज्यादा मशहूर है।
कहा जाता है कि इतिहास वही लिखता है, जो जीता है या फिर जो शासन करता है।
अगर लोगों से यह सवाल पूछा जाए कि लाल किला किसने बनवाया तो वह यही जवाब देंगे कि इसे शाहजहां ने या फिर इस्लाम के शाह सूरी ने बनवाया था। लेकिन सच क्या है, यह बात किसी को अभी तक पता नहीं चल पाई है। हम आपको इसके कुछ इस किले के बारे में कुछ अचंभित कर देने वाली बातें बताएंगे।
1. ऐसा माना जाता है कि लाल किले को पहले मुगल लोग लाल किला नहीं लाल हवेली कहते थे, क्योंकि कुछ इतिहासकारों का यह मानना है कि यह लाल कोट एक पुराना किलाएवं हवेली है, जिस पर शाहजहां ने कब्जा कर लिया था और इस पर अपनी छाप छोड़ दी थी।
2. दिल्ली का लाल कोट क्षेत्र, हिंदू राजा पृथ्वीराज चौहान की 12वीं सदी के अंतिम दौर में राजधानी थी, लाल कोट के कारण ही इसके लाल हवेली लालकोट को किला कहा जाता था और बाद में मुगलों ने लाल कोट का नाम बदलकर शाहजहानाबाद कर दिया गया था।
3. रेड फोर्ट या लाल किला जोकि इस समय दिल्ली शहर में मौजूद है, यह दिल्ली क्षेत्र का पहला निर्मित नगर है, यदि मुगल या शाहजहां इसे बनाते तो शाहजहां इसका नाम लाल किला नहीं रखते बल्कि किसी फारसी भाषा के नाम पर ही इसका नाम रखते। कई लोग यह बात कहते हैं कि इस किले को अपना नाम लाल बलुआ पत्थर की दीवारों की वजह से मिला है।
4. कहा जाता है कि इस किले की स्थापना तोमर शासक राजा अनंगपाल ने 1060 में की थी, कहा जाता है कि तोमर वंश ने दक्षिण दिल्ली में सूरज कुंड के पास शासन किया था, जो 700 ईस्वी से शुरू हुआ था।
5. तोमर के शासन के बाद फिर चौहान राजाओं ने शासन किया था। पृथ्वीराज चौहान ने 12वी सदी में शासन किया और इस नगर और किले का नाम किला राय पिथौरा रख दिया था। राय पिथौरा के अवशेष आज भी दिल्ली के साकेत, महरौली, किशनगढ़ और वसंत कुंज के क्षेत्रों में देखे जा सकते हैं।
6. कुछ इतिहासकारों का मानना है कि शाहजहां, जिन्होंने 1627 से 1658 तक के बीच में जो कारनामा ताजमहल के साथ किया था वही कारनामा इन्होंने लाल कोर्ट के साथ भी किया था। लाल किले को पहले लाल कोट कहा जाता था।
दिल्ली का किला शाहजहां के जन्म के सैकड़ों साल पहले ही ‘महाराज अनंगपाल तोमर द्वितीय’ ने दिल्ली को बसाते दौरान ही बना दिया था। महाराज अनंगपाल तोमर द्वितीय, अभिमन्यु के वंशज और परमवीर पृथ्वीराज चौहान के नानाजी थे।
7. शाहजहां ने 1638 में आगरा को छोड़कर दिल्ली को अपनी राजधानी बना लिया था और दिल्ली के लाल किले का निर्माण शुरू कर दिया था।
बहुत से मुस्लिम इतिहासकारों का मानना है कि इसका निर्माण 1648 में हो गया था।
लेकिन Oxford पुस्तकालय में एक चित्र है जिसमें 1628 में फारस के राजदूत शाहजहां के राज्याभिषेक पर लाल किले में मिलते हुए दिखाए गए हैं। यदि यह किला 1948 में बना तो फिर यह चित्र कहां से आया।
8. इस बात का सबसे बड़ा प्रमाण है कि तारीखें फिरोजशाही में लेखक लिखते हैं कि सन 1296 के अंत में जब अलाउद्दीन खिलजी अपनी सेना लेकर दिल्ली आए तो वो कुश्क-ए-लाल (लाल महल) की ओर बढ़े और वहां उन्होंने आराम किया।
9. कई भारतीय इतिहासकार इसे लाल कोर्ट का ही एक बदला हुआ रूप मानते हैं। इस बात पर बिल्कुल भी संदेह नहीं है कि लाल किले में अनेक प्राचीन हिंदू विशेषताएं है जैसे कि हाथीपोल, कलाकृतियां आदि जो कि भारतीय राजाओं की विशेषताएं है।
शाहजहां के प्रशंसकों और मुस्लिम के लेखकों ने इसकी मदद से भवनों का पूरी तरह से वर्णन नहीं किया है।
10. इतिहास के अनुसार भी इस किले का असली नाम ‘लाल कोट’ है, जिसे महाराज अंग पाल द्वितीय ने सन 1060 ईस्वी में बनाया था बाद में इस लालकोट को पृथ्वीराज चौहान ने ठीक करवाया था।
लाल किले को एक हिंदू महल साबित करने के लिए आज भी हजारों sources हैं। यहां तक की लाल किले से संबंधित बहुत सारे साक्ष्य पृथ्वीराज रासो से मिलते जुलते हैं।
11. केवल इतना ही नहीं, अकबरनामा और अग्नि पुराण दोनों में ही इस बात का वर्णन है कि महाराज अंगपाल ने ही एक भव्य और आलीशान दिल्ली का निर्माण किया था।
शाहजहां से 250 साल पहले 1398 ईस्वी में आक्रांता तैमूरलंग ने भी पुरानी दिल्ली का वर्णन किया था।
12. 11 मार्च 1783 को सिखों ने इस किले में घुसकर दीवान-ए-आम पर कब्जा कर लिया था और नगर के मुगल वजीरों ने इसे सिखों को सौंप दिया था लेकिन बाद में इस पर अंग्रेजों ने कब्जा कर लिया था।
lal kila ka photo आप नेट पर सर्च करके देख सकते हैं।
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निष्कर्ष about Lal kila kisne banwaya tha
लाल किला या Red Fort, जिसपर बहुत से मुगल emperors ने 200 सालों तक राज किया है, यह एक किले से कही ज्यादा है। यह केवल राजनीतिक नजरिए से नही समाज के हित के लिए भी एक बहुत ज्यादा जरूरी किला है।
जैसा कि यह इतने सालों से टिका हुआ है, लाल किला एक बहुत ही ज्यादा खूबसूरत जगह है, जो आपको उस पुराने समय में वापस ले जाता है।
अगर सच कहा जाए तो बीते हुए सालों में इस किले ने कई घटनाएं देखी हैं, जो यह अपनी इमारतों की मदद से बयां करने की कोशिश करता है।
हालांकि, अंग्रेजों ने लाल किले को बहुत ही ज्यादा आहत पहुंचाई, वह भी बहुत सारे तरीकों से लेकिन फिर भी यह एक बेहतरीन किला है।
दोस्तों हमारे इस आर्टिकल में हमने आपको बताया कि लाल किले को किसने बनवाया था या lal kila kisne banaya, यह कैसे बना, इसका इतिहास क्या है और इससे जुड़ी हुई सारी जानकारी आपको भी।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा, इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें और उन्हें इस किले के बारे में जानकारी दें, जोकि हमारे इतिहास का एक बहुत ही जरूरी भाग है।
इस आर्टिकल Lal kila kisne banwaya tha को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद!
लाल किले के साहमने बना 800 साल पुराना लाल जैन मंदिर ऊंची आवाज लगा रहा है कि लाल किला के निर्माण को शांहजहां से जोड़ने से पहले इतिहास का पुनर्विलोकण जरूरी है।क्योंकि भारत की वैसी निर्माण क्षमता लाल जैन मंदिर में सब दिखाई देती है।0र आप कह रहे हैं कि लाल किला निर्माण दस साल लट हुआ क्योंकि कुछ तकनीक भारत में थी ही नहीं।