मॉर्टगेज मीनिंग इन हिंदी | Mortgage Meaning in Hindi – Best Article

Mortgage meaning in hindi या मॉर्टगेज मीनिंग इन हिंदी आखिर क्या होता है?

दोस्तों क्या आप जानना चाहते हैं, कि मॉर्गेज (Mortgage) मीनिंग इन हिंदी (mortgage meaning in hindi) क्या होता है, या फिर मॉर्गेज शब्द का मतलब हिंदी भाषा में क्या होता है या mortgage meaning in hindi and english, तो हमारे ब्लॉग के इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें। 

क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम आपको मॉर्गेज शब्द के बारे में पूरी जानकारी देंगे और इस विषय से जुड़े हुए सभी टॉपिक्स के ऊपर भी आपको पूरी जानकारी देने की कोशिश करेंगे, इसी वजह से इस आर्टिकल को बड़े ही ध्यान से पढ़िएगा और आपको इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद मॉर्गेज शब्द का पूरा अर्थ समझ में आ जाएगा। 

दोस्तों कई बार हम लोग के साथ ऐसा होता है कि हमें अचानक ही पैसों की जरूरत पड़ जाती है और लगभग हर किसी के मन में ही लोन का विचार आ ही जाता है। 

आज के इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे ही एक लोन से जुड़ी हुई जानकारी देने वाले हैं (mortgage loan meaning in hindi), लेकिन सबसे पहले हम आपको यह बताएंगे कि मॉर्गेज शब्द का मतलब हिंदी भाषा में क्या होता है।

Mortgage मीनिंग इन हिंदी क्या होता है?
Mortgage मीनिंग इन हिंदी क्या होता है?

Mortgage मीनिंग इन हिंदी क्या होता है? (Mortgage Meaning in Hindi with Example)

मॉर्गेज शब्द का मतलब यह होता है, कि जब आप कोई घर या फिर फ्लैट खरीदने के लिए लोन लेते हैं, कहीं से भी तो उस तरह के लोन को मॉर्गेज कहा जाता है।

जैसा कि हमने आपको अपने आर्टिकल के शुरुआती भाग में बताया था कि मॉर्गेज भी एक तरह का लोन ही होता है।

लेकिन अगर आप अपने ही घर में रहते हैं, और अगर आपको कोई काम शुरू करने के लिए या फिर कोई व्यापार शुरू करने के लिए पैसों की जरूरत है। 

तो आप अपने घर को बैंक के पास गिरवी रखकर लोन ले सकते हैं, इसमें आपको अपने घर के कागजों और बाकी चीजों को बैंक के पास जमा करवाना पड़ता है। 

और बैंक उसके बदले में आपको एक लोन दे देती है, यह बैंक से लोन लेने का एक बहुत ही ज्यादा सरल और आसान तरीका है। और इसी तरह के लोन को मॉर्गेज लोन भी कहा जाता है। अब आपको समझ आ गया होगा कि mortgage property meaning in hindi क्या होता है।

आप मॉर्गेज लोन कई जगहों से ले सकते हैं, जैसे कि आपका कोई नजदीकी बैंक या फिर कोई ऐसी संस्थान जो लोन देती हो। आज के समय में घर के लिए लोन लेना एक बहुत ही ज्यादा आसान काम है। अब तो प्लॉट बेचने वाली कंपनियां भी आप को बैंक से लोन दिलवा देती हैं।

मॉर्गेज लोन का इस्तेमाल आप नया मकान या फिर फ्लैट खरीदने के लिए, या फिर एक नया मकान बनाने के लिए भी कर सकते हैं। और अगर आप सोच रहे थे कि मॉर्गेज लोन को लेने का तरीका क्या है तो आप बिल्कुल भी चिंता मत करिए हम आपको उसके बारे में भी पूरी जानकारी देंगे।

सबसे पहले तो मोरगेज लोन लेने की रकम आपकी संपत्ति या फिर घर की स्थिति और बैंक की लोन की पॉलिसी पर भी बहुत ज्यादा निर्भर करती है। 

जिस तरह का आपका घर या फिर प्रॉपर्टी बनी हुई होगी आपको हिसाब से लोन मिल सकता है और बैंकों की भी लोन देने की अलग-अलग पॉलिसी होती है, जिसके हिसाब से वह लोन लेने वाले लोगों को लोन देते हैं और अलग-अलग बैंकों का ब्याज दर भी अलग होता है। 

तो आपको इन सब चीजों के बारे में जानकारी लेनी होगी और फिर यह देखना होगा कि आपके लिए सबसे बढ़िया मॉर्गेज लोन कौन सा है। इस चीज को एंगेस्ट प्रॉपर्टी भी कहा जाता है।

Reverse mortgage meaning in hindi क्या होता है?

रिवर्स मोरगेज होम लोन के विपरीत होता है इसमें आप महीने की इनकम के लिए बैंक के पास अपने घर को गिरवी रख आते हैं और आपके घर की हालत के हिसाब से आपको पैसा दिया जाता है।

आप में से बहुत लोगों ने यह सवाल भी पूछा है कि mortgage deed meaning in hindi क्या होता है?

मॉर्गेज डीड वह कागज होता है जिस पर लोन से जुड़ी हुई सारी जानकारी दी गई होती है, जैसे की मार्केट लोन में से जुड़े हुए लोगों के नाम क्या है, कितना अमाउंट किस ब्याज दर पर दिया जा रहा है और ब्याज के साथ पैसा वापस देने का समय कितना है।

मॉर्गेज लोन के कितने भाग होते हैं?
मॉर्गेज लोन के कितने भाग होते हैं?

मॉर्गेज लोन के कितने भाग होते हैं?

मोरगेज लोन को कुल दो भागों में बांटा गया है, जिन्हें इक्विटेबल (equitable) मोरगेज या ओरल मॉर्गेज और रजिस्टर्ड (registered) मॉर्गेज कहा जाता है।

Equitable मॉर्गेज या ओरल मॉर्गेज क्या होता है? | Equitable Mortgage meaning in Hindi

ओरल मोरगेज लोन या फिर equitable लोन में हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां (HFC) आपकी प्रॉपर्टी या घर के दस्तावेजों या कागजों को पूरी तरह से चेक कर लेती हैं और लोन एग्रीमेंट को साइन करके आपको लोन का ऑफर दे देती है। 

ओरल या इक्विटेबल मॉर्टगेज लोन में मॉर्गेज को रजिस्टर करने की भी जरूरत नहीं पड़ती है। भारत में ओरल मोरगेज लोन को बहुत ही ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन बहुत सी कंपनियां प्रॉपर्टी या घर के दस्तावेजों की मांग करती हैं।

रजिस्टर्ड मॉर्गेज लोन क्या होता है?
रजिस्टर्ड मॉर्गेज लोन क्या होता है?

रजिस्टर्ड मॉर्गेज लोन क्या होता है?

रजिस्टर्ड मॉर्गेज लोन में मॉर्गेज को संबंधित अथॉरिटी (authority) की मदद से रजिस्टर किया जाता है, असलियत में आपकी प्रॉपर्टी या घर के मॉर्गेज रजिस्ट्रेशन (registration) पर लगाने वाला चार्ज सरकार के आंकड़ों में दर्ज किया जाता है और इस इस तरह के तरीके में कर्ज या लोन लेने वाले इंसान को ही आमतौर पर रजिस्ट्रेशन के चार्ज को चुकाना पड़ता है।

अब आप यह सोच रहे होंगे कि लोन लेने के तो बहुत से तरीके होते हैं, और आजकल तो हम घर बैठे-बैठे केवल अपने फोन की मदद से ही लोन ले सकते हैं। 

तो हम मोरगेज लोन ही क्यों ले, इसी वजह से हम आपको मोरगेज लोन के कुछ ऐसे फायदों के बारे में बताएंगे जो इस तरह के लोन को बाकी लोनों से अलग बनाता है।

Usufructuary Mortgage meaning in Hindi क्या होता है?

Usufructuary मॉर्गेज एक ऐसा मोरगेज होता है जिसमें मॉर्गेज देने वाला इंसान घर से मिली कमाई का एक हिस्सा अपने पास रखता है। इसमें घर खरीदने वाला इंसान कुछ किरायेदारों को रख लेता है जो महीने के किराए का एक हिस्सा घर के मालिक को देते हैं।

मॉर्गेज लोन के फायदे क्या हैं?
मॉर्गेज लोन के फायदे क्या हैं?

मॉर्गेज लोन के फायदे क्या हैं?

बहुत से लोग इंटरनेट पर यह सवाल पूछते हैं कि मोरगेज लोन के फायदे क्या है और हमें अपना घर को गिरवी रखकर मोरगेज फोन ही क्यों लेना चाहिए और वह क्या बातें हैं जो इस लोन को बाकी दूसरे लोगों से अलग बनाती हैं। इसी वजह से हमारे आर्टिकल के इस भाग में हम आपको उन्हीं फायदों के बारे में जानकारी देंगे।

  • मोरगेज लोन का फायदा यह भी है कि आपको अपनी प्रॉपर्टी या घर की कीमत का 80% तक का लोन मिल सकता हैं, और कुछ मामलों में तो लोन की रकम को आप 85% से लेकर 90% तक ले सकते हैं, यह इसका एक बहुत ही ज्यादा बड़ा फायदा है जो इस लोन के अलावा आपको बाकी लोनो में नहीं मिलता है। 
  • ज्यादातर लोनो में आपको अपने घर की रकम का 60% या ज्यादा से ज्यादा 70% तक ही मिलता है, लेकिन मोरगेज लोन का यह फायदा बहुत ही ज्यादा बढ़ा है, जिसे नजरअंदाज करना बहुत ही ज्यादा मुश्किल है। 
  • अगर आपने मॉर्गेज लोन लिया है तो आप को यह पता चल जाएगा कि मोरगेज लोन को चुकाने की अवधि या समय को एचएफसी (HFC) तय करती है। 
  • मोरगेज लोन को वापस किए जाने वाले पीरियड या रीपेमेंट पीरियड को लोन के समय के हिसाब से ही बनाया जाता है और इस लोन को लौटाने की अवधि में आप हो ईएमआई (EMI) की मदद से भी आसानी से झुका सकते हैं। 
  • मोरगेज लोन का बैलेंस हर दिन, महीने और साल के हिसाब से घटता रहता है। और जिस तरह से आप होम लोन को लेने के लिए डाउन पेमेंट देते हैं, उसी तरह से मोरगेज लोन के लिए भी आप डाउन पेमेंट कर सकते हैं, डाउन पेमेंट की रकम 10% से 20% तक की जा सकती है। 
  • बहुत से लोनो में यह घाटा होता है कि अगर आप उस लोन को समय की सीमा से पहले चुका दे तो आपको उसका कुछ चार्ज देना पड़ता है। लेकिन यह चीज मॉर्गेज लोन में नहीं होती है, अगर आप चाहें तो मॉर्गेज लोन को बहुत ही आसानी से समय से पहले भी चुका सकते हैं। 
  • प्रीपेमेंट (Prepayment) की मदद से आप मोरगेज लोन की तय की गई तारीख से पहले ही लोन को चुका कर अपना ब्याज दर बचा सकते हैं और कम ब्याज दर पर लोन को चुकता कर सकते हैं।

मॉर्गेज लेने का सही तरीका क्या है?

हमारे आर्टिकल के इस भाग में हम आपको मॉर्गेज को लेने के तरीके के बारे में जानकारी देंगे। सबसे पहले तो लोन लेने वाला इंसान एक या एक से ज्यादा मोरगेज देने वाले लोगों या बैंकों के लिए अप्लाई करता है। 

उसके बाद पैसा देने वाला इंसान या बैंक यह देखता है कि लोन लेने वाला इंसान लोन वापस दे सकता है या नहीं और इन चीजों में वह उसकी बैंकों की ओर इन्वेस्टमेंट की स्टेटमेंट मांगता है और उसके हाल ही में आए टैक्स रिटर्ंस भी देखता है और साथ ही में वह यह भी पता लगाता है कि लोन लेने वाला इंसान इस समय क्या काम कर रहा है और ज्यादातर पर एक क्रेडिट चेक भी करता है। 

अगर लोन लेने वाले इंसान की एप्लीकेशन को अप्रूवल मिल जाता है, तो लोन देने वाला इंसान एक अमाउंट निकालकर उस पर कुछ इंटरेस्ट रेट लगा कर पैसा दे देता है। 

घर खरीदने वाले लोग एक मॉर्गेज के लिए आसानी से अप्लाई कर सकते हैं चाहे उन्होंने यह पता लगा लिया हो कि वह कौन सी प्रॉपर्टी खरीदने वाले हैं या फिर चाहे वह अभी भी एक ऐसी प्रॉपर्टी ढूंढ रहे हो जिसे वह बाद में खरीदेंगे, इस तरीके को pre-approval कहा जाता है। 

अगर आप मॉर्गेज के लिए पहले से approved हैं, तो घर खरीदने के मार्केट में आपको एक फायदा मिल जाता है, क्योंकि घर बेचने वाले लोगों को यह पता लग जाता है कि आप उनका पैसा चुका सकते हैं।

जैसे ही घर खरीदने वाले इंसान और घर बेचने वाले इंसान के बीच में डील हो जाती है, तो वह या फिर उनके रिप्रेजेंटेटिव (representatives) मिलकर उस डील को क्लोज कर देते हैं।

और यही समय होता है कि पैसे लेने वाला इंसान, पैसे देने वाले इंसान को डाउन पेमेंट देता है। उसके बाद घर बेचने वाला इंसान प्रॉपर्टी की ओनरशिप घर खरीदने वाले इंसान को दे देता है और तय किए गए अमाउंट पर घर बेच देता है। 

और उसे वह अमाउंट मिल जाता है और घर खरीदने वाला इंसान बाकी के दस्तावेजों पर साइन कर देता है और प्रॉपर्टी उसकी हो जाती है।

निष्कर्ष

दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में हमने आपको यह बताया कि मॉर्गेज मीनिंग इन हिंदी (mortgage meaning in hindi), mortgage meaning in banking या mortgage meaning in english क्या होता है, या फिर मॉर्गेज शब्द का हिंदी भाषा में अर्थ क्या होता है। 

और इसका इस्तेमाल किस चीज में किया जाता है हमने आपको मॉर्गेज लोन के बारे में भी पूरी जानकारी दी और आपको यह बताया कि मॉर्गेज लोन कितने तरह के होते हैं और मॉर्गेज लोन को लेने का तरीका क्या होता है। 

लोन लेने से पहले आपको यह बात तो पता ही होगी, कि लोन तभी लिया जाता है जब आपके पास कैसे लाने के सारे रास्ते बंद हो जाते हैं और लोन जितना जरूरत हो उतना ही बढ़ा दिया जाता है, क्योंकि आप इतना बड़ा अमाउंट लेते हैं उस पर उतना ही ज्यादा ब्याज देना पड़ता है। 
आशा करते हैं कि आपको हमारे ब्लॉग का यह आर्टिकल पसंद आया होगा, इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें जो इस विषय से जुड़ी हुई सारी जानकारी पाना चाहते हैं और हमारे ब्लॉग के इस आर्टिकल या लेख को अंत तक पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद!

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