Omr full form? क्या आप जानना चाहते हैं कि OMR का फुल फॉर्म (omr full form) क्या होता है, तो हमारे इस article को अंत तक जरूर पढ़िएगा।
आप में से बहुत से लोगों ने Google पर और बहुत से दूसरे platforms जैसे कि Quora, Vokal, आदि पर यह सवाल पूछा है कि OMR का फुल फॉर्म क्या होता है (full form omr) या full form of omr, इसलिए हमने आपके लिए आर्टिकल लिखा है, जिसमें हम आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे।
आज की organizations जानकारी एकत्रित करने के लिए बहुत सारे sources कर इस्तेमाल करती हैं।
जब बात डाटा को एकत्रित करने और process करने की आती है, तो structured forms सबसे ज्यादा असरदार साबित हुए हैं।
और जिस इंसान ने हाल ही में यह फॉर्म भरा होगा, तो उन्हें याद होगा कि इसमें कुछ बुलबुले या square होते हैं जिसमें जानकारी दी गई होती है चाहे यह अंक marital status बताते हो, आपकी हेल्थ की जानकारी देते हों, किसी परीक्षा से जुड़े हुए हों, या फिर किसी दूसरी चीज के बारे में हो, ओएमआर इसमें एक बहुत ही जरूरी रोल निभाती है, क्योंकि इसकी मदद से डाटा को कैप्चर करना और प्रोसेस करना बहुत ही ज्यादा आसान हो जाता है।
सबसे पहले हम आपको बताते हैं कि full form of omr sheet क्या है।
Post Contents:
OMR का फुल फॉर्म क्या है? (omr sheet full form)
दोस्तों ओएमआर का फुल फॉर्म Optical mark recognition (इसे optical mark reading और OMR भी) कहा जाता है। अब आपको समझ आ गया होगा omr full form in computer क्या होता है।
OMR एक document फॉर्म होता है, जिसमें इंसानों के द्वारा मार्क किए गए डाटा को कैप्चर किया जाता है, जैसे कि surveys और परीक्षाएं।
इनका इस्तेमाल मल्टीपल चॉइस एग्जामिनेशन पेपर, questionnaires को shaded भागों की मदद से पढ़ने के लिए किया जाता है।
Optical Mark Readers किसी कागज पर पहले से बनाई गई पोजीशंस पर पेंसिल या फिर पेन के निशानों को पढ़ते हैं और उसका रिस्पांस देते हैं।
ओएमआर डाटा एंट्री सिस्टम उस जानकारी को रखता है जिसे वह अंको के होने या फिर ना होने की वजह कंप्यूटर की डाटा फाइल में कन्वर्ट करता है। दोस्तों अब आपको समझ आ गया होगा कि full form of omr in computer क्या होता है।
ओएमआर technology का इस्तेमाल बहुत सारे सोर्सेस से जानकारी निकालने के लिए किया जा सकता है, यह बहुत सारे डाटा को बहुत ही कम समय में कलेक्ट करके प्रोसेस कर सकता है, डाटा में ज्यादातर “tick boxes” होते हैं, जिसमें मल्टीपल चॉइस वाले सवालों के जवाब होते हैं।
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Optical Mark Recognition क्या होता है?
ऑप्टिकल मार्क रिकॉग्निशन (OMR) एक अलग तरीके के डॉक्यूमेंट फॉर्म पर डाटा को पढ़ने और कैप्चर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
इसमें ज्यादातर बबल या फिर स्क्वायर होते हैं, जिसे किसी टेस्ट या फिर सर्वे में भरा जाता है। जब वह फॉर्म भर जाता है, तब उसे या तो एक अलग ओएमआर के software की मदद से या फिर एक physical चैनल डिवाइस की मदद से पढ़ा जाता है जो उस पेपर पर एक लाइट की एक बीम मारता है, जो ऑप्टिकल सेंसर तक वापस आ रही लाइट की मदद से यह पता लगाती है कि जवाब सही है या नही।
पुराने ओएमआर scanners खुद पता लगा लेते थे कि कितनी लाइट पेपर से बाहर जा रही है क्योंकि वहा दूसरी तरफ phototubes लगे होते थे।
और क्योंकि phototubes बहुत ही ज्यादा सेंसिटिव होते थे, तो उन्हें दूसरे तरीके का इस्तेमाल करना पड़ा जिसमें उन्होंने फॉर्म भरते समय पेंसिल का इस्तेमाल किया ताकि उनकी रीडिंग और भी ज्यादा सही आ सके।
आज के ओएमआर स्कैनर्स बहुत ही ज्यादा accurate और versatile बन गए हैं, यह अंको को बहुत ही ज्यादा आसानी से पढ़ लेते हैं चाहे वह जैसे भी भरे गए हो, हालांकि उन्हें तब तक आती है जब भरे गए अंको का कलर फॉर्म के कलर जैसा ही होता है।
सबसे ज्यादा जरूरी बात यह है कि, ओएमआर सॉफ्टवेयर की वजह से ओएमआर फॉर्म की जानकारी को कैप्चर करना मुमकिन हो गया है, क्योंकि इसमें कोई भी स्पेशल equipment की जरूरत नहीं पड़ती है।
इसका इस्तेमाल ज्यादातर डिजिटल फॉर्मेट (जैसे की PDF फाइल या फिर JPEG इमेजेस) की जानकारी को प्रोसेस करने के लिए किया जाता है। यह 1% से भी गलती करता है।
OMR technology के सबसे बड़े फायदे क्या हैं?
OMR Scanning बहुत ही ज्यादा तेज होती है: एक ओएमआर स्कैनर घंटे में 2,000 लेकर 10,000 फॉर्म्स तक देख लेता है।
इस पूरे process को एक अकेले कंप्यूटर की मदद से चलाया जा सकता है, जो यह हैंडल करता है कि स्कैनर कितनी ज्यादा कॉपीज बना सकता है, अगर आप आउटपुट की वॉल्यूम को बढ़ाना चाहते हैं, तो आपको स्कैनर को upgrade करना होगा, इसमें डबल एंट्री की जरूरत नहीं पड़ती है।
ओएमआर स्कैनिंग बहुत ही ज्यादा accurate है: यह डाटा को पढ़ते समय आपको बहुत ही ज्यादा सटीक जवाब देती है, जिसकी वजह से यह key-entry करने वाले expert clerks से भी ज्यादा बेहतर बन जाती है। क्योंकि इसमें transcription error नहीं होती है।
ओएमआर स्कैनिंग में कम पैसा लगता है: ओएमआर की टेक्नोलॉजी की मदद से ही बहुत सी organisations बहुत सारे कामों को बहुत जल्दी और सही ढंग से कर लेती हैं, वह भी केवल एक ही जगह पर।
जिसमें उन्हें शुरुआत में बहुत ही कम पैसा लगाना पड़ता और उसे चालू रखने के लिए भी बाकी तरीकों के बावजूद कम पैसा लगता है।
ओएमआर स्कैनिंग को implement और support करना बहुत ही ज्यादा आसान होता है: दूसरे कंप्यूटर नेटवर्क के installations के कंपैरिजन में, ओएमआर स्कैनर्स को ongoing technical सपोर्ट की जरूरत बहुत ही ज्यादा कम पड़ती है।
ओएमआर स्कैनर्स ज्यादातर सिस्टम की दिक्कतों को खुद ही ठीक कर लेते हैं, अगर आपका कंप्यूटर या फिर नेटवर्क चला जाता है तो भी ओएमआर फॉर्म पर डाटा को रिकॉर्ड किया जा सकता है। अगर कोई सवाल आ जाता है, तो एक source फॉर्म मौजूद होता है जिसकी मदद से वह results को validate कर लेते हैं।
हमारे आर्टिकल के इस भाग में हमने आपको omr full form in hindi के बारे में बताया।
Optical Mark Recognition का इतिहास क्या है?
टेक्नोलॉजी को प्रोसेस करने के सबसे पुराने तरीकों में से एक, ओएमआर सबसे ज्यादा भरोसेमंद तरीका है जिसे सन 1800 के अंत में बनाया गया था और इसका इस्तेमाल crude “tabulating” मशीन के साथ किया था।
इन cards में ज्यादातर साधारण हां या ना की जानकारी होती थी और उससे यह पता चलता था कि किसी छेद को punch out किया जाएगा या नहीं।
जब इन्हें टेबलेटिंग मशीन में डाला जाता था, एक छेद को रजिस्टर किया जाता था और उसे गिन लिया जाता था।
इस साधारण से तरीके की मदद से बहुत सारी कठिन मशीनें सन 1900 के शुरुआती समय में साधारण arithmetic करने लगीं, इससे पहले कि वह mid-century तक शुरुआती कंप्यूटर प्रोग्रामिंग की नीव बने।
सारे कंप्यूटर के programs को पंच कार्ड्स के stacks के रूप में स्टोर किया जाने लगा था, जिन्हे 1970 तक इस्तेमाल किया गया था, उसके बाद और भी ज्यादा ताकतवर मशीनें बनी जिन्होंने इस तरीके की जगह ले ली।
हालांकि ओएमआर उसी तरीके से काम करता है जैसे कि एक पंच कार्ड, लेकिन यह स्कैनिंग टेक्नोलॉजी की मदद से यह पता लगाता है कि एक पेन से या फिर एक पेंसिल से कोई निशान बना है या नहीं।
इस तरह के identification के तरीके को सबसे पहले IBM की electrographic टेक्नोलॉजी ने 1930 और 1940 के बीच में popularize किया था।
इस तरीके को सबसे पहले एक स्कूल के अध्यापक ने बनाया था जिनका नाम था Reynold Johnson, जो टेस्ट की ग्रेडिंग को streamline करना चाहते थे।
उन्होंने एक ऐसी मशीन बनाई थी जो एक अलग तरह के टेस्ट के कागज पर पेंसिल के निशानों को पढ़ सकती थी और फिर उसे बाद में उन अंको को मिलाकर एक फाइनल स्कोर में tabulate कर सकती थी।
OMR का इस्तेमाल कहां होता है?
ओएमआर का इस्तेमाल केवल स्कूलों में या फिर डाटा collect करने वाली agencies में नहीं होता है, बहुत सारे बिजनेस और स्वास्थ्य की देखभाल करने वाली एजेंसीज भी अब ओएमआर का इस्तेमाल अपने इनपुट किए गए डाटा को streamline और प्रोसेस करने के लिए करती हैं, जिसकी मदद से इनपुट करने की गलतियां कम हो जाती है।
ओएमआर, OCR, और ICR सारी टेक्नोलॉजी कागज के फॉर्म की मदद से एक डाटा का कलेक्शन देती है। ओएमआर का इस्तेमाल एक ओएमआर स्कैनर या फिर इमेजिंग स्केनर की मदद से किया जा सकता है।
ओएमआर का इस्तेमाल और भी बहुत जगाहों पर किया जाता है, जैसे कि इस institutional रिसर्च के प्रोसेस में, community के surveys में, कंजूमर के सरवेज में, परीक्षाओं में, evaluation और फीडबैक लेने में, प्रोडक्ट की इवेल्यूएशन करने में, आदि।
OMR को काम करने के लिए किन चीजों की जरूरत पड़ती है?
जैसा कि पुराने समय में होता था वैसे ही आज भी OMR के सिस्टम्स को एक अलग तरह के कागज की जरूरत पड़ती है, एक अलग तरह की इंक और एक अलग तरह का इनपुट रीडर।
इससे जिन सवालों को पूछा जा सकता है वह कम हो जाते हैं और जब फॉर्म को डाला जाता है तो उसमें ज्यादा variation नहीं रहती है।
ओएमआर में प्रोग्रेस होने की वजह से अब यूजर्स अपने फॉर्म खुद ही बना सकते हैं और एक स्केनर की मदद से खुद ही प्रिंट करके उस जानकारी को पढ़ सकते हैं।
यूजर अब सवालों को उस फॉर्मेट में arrange कर सकते हैं जो उन्हें सही लगे और जिसकी मदद से वह आसानी से डाटा को इनपुट कर सकें।
ओएमआर के सिस्टम्स 100% accuracy देने की कोशिश करते हैं और इन्हें अंको को recognize करने में ज्यादातर 5 मिलीसेकंड लगते हैं।
यूजर चौकोर, गोल और hexagon का आकर भी बना सकते हैं मार्क जोन बनाने के लिए। और software को बुलबुले, cross या फिर चेक के निशानों को याद रखने के लिए सेट कर सकते हैं।
OMR की खामियां क्या हैं?
ओएमआर की कुछ खामियां और लिमिटेशंस भी है। अगर कोई यूज़र बहुत ज्यादा टेक्स्ट को gather करना चाहता है, तो फिर OMR डाटा कलेक्ट करने में गलती कर देता है, हो सकता है कि स्कैन करते समय कुछ डाटा miss हो जाए, और अगर कुछ पेज गलत या फिर उन पर पेज का नंबर नहीं लिखा हो तो हो सकता है कि वह गलत ऑर्डर में स्कैन हो जाए और साथ ही में, अगर safeguard नहीं लगा हो, तो हो सकता है कि एक पेज फिर से स्कैन हो जाए, जिसकी वजह से डाटा duplicate हो जाए और डाटा skew हो जाए।
ओएमआर के हर जगह इस्तेमाल होने की वजह से और क्योंकि इसे बहुत ही ज्यादा आसानी से इस्तेमाल किया जाता है, बहुत सारी परीक्षाओं में ज्यादातर मल्टीपल चॉइस वाले सवाल ही होते हैं, जिसकी वजह से जो चीज टेस्ट की जा रहा है उसका nature ही बदल जाता है।
तो अगर अब आपसे कोई पूछता है कि what is the full form of omr sheet?
तो आप उसे बता सकते हैं कि OMR का फुल फॉर्म होता है Optical mark recognition.
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Omr full form निष्कर्ष
दोस्तों हमारे इस आर्टिकल में हमने आपको बताया कि वह OMR का फुल फॉर्म क्या होता है, omr ka full form क्या है,और इसे कहां पर इस्तेमाल किया जाता है, इसकी खामियां क्या है, आदि।
उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह आर्टिकल omr full form पसंद आया होगा, इसे अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद!
This article helps them a lot. Thank you for sharing so well