क्या आप भी इस बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं कि दुनिया की सबसे हल्की गैस (sabse halki gas) कौन सी है, तो हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़िएगा।
क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम आपको दुनिया की सबसे हल्की गैस (sabse halki akriya gas) के बारे में पूरी जानकारी देंगे। हमारा आपसे यह वादा है कि इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको इस गैस के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी और आपको कोई और आर्टिकल नहीं पढ़ना पड़ेगा।
जैसा कि आपको पता ही होगा कि हमारे वायुमंडल में बहुत सी gases पाई जाती हैं। और इन सभी गैसों की अपनी properties होती हैं, जिसकी मदद से हम यह पता लगा सकते हैं कि किस गैस की प्रॉपर्टी क्या है।
कुछ कैसे भारी होती है और कुछ हल्की। लेकिन क्या आपको पता है कि हमारे वायुमंडल में पाई जाने वाली सबसे ज्यादा हल्की गैस कौन सी है?
आज के इस आर्टिकल (ब्लॉग) में हम आपको वायुमंडल या atmosphere में पाई जाने वाली सबसे ज्यादा हल्की गैस के बारे में पूरी जानकारी देंगे और साथ ही में हम आपको इस केस से जुड़ी हुई पूरी जानकारी भी देंगे।
Post Contents:
सबसे हल्की गैस कौन सी है? | Sabse Halki Gas
दोस्तों हमारे वायुमंडल में पाई जाने वाली सबसे ज्यादा हल्की गैस हाइड्रोजन (Hydrogen) गैस है। इस गैस को H की मदद से रिप्रेजेंट किया जाता है, ज्यादातर वायुमंडल में यह H2 के तौर पर पाई जाती है।
दुनिया की sabse halki aur bhari गैस कौनसी है?
दुनिया की सबसे ज्यादा हल्की गैस, जैसा कि हमने आपको बताया कि हाइड्रोजन गैस है और दुनिया की सबसे ज्यादा भारी गैस कार्बन डाइऑक्साइड (dioxide) है।
यह सबसे ज्यादा हल्की गैस इसलिए भी है, क्योंकि इसकी रसायनिक संरचना बहुत ही ज्यादा सरल होती है। इसके हर एक परमाणु में केवल एक प्रोटोन, और एक ही इलेक्ट्रॉन होता है।
Hydrogen गैस किसे कहते हैं? | सबसे हल्की गैस के बारे में जानकारी
यह बात सन 1866 की थी, जब हेनरी केवेण्डिस ने हाइड्रोजन गैस की खोज की थी, उन्होंने हाइड्रोजन गैस को लोहे के धातु पर तनु सल्फ्यूरिक एसिड की अभिक्रिया (reaction) की मदद से प्राप्त किया था।
उस समय हेनरी (Henry) ने इस गैस का नाम ज्वलनशील वायु (air) रख दिया था। जिस गैस के नाम को बाद में लैवाशिए ने सन 1873 में हाइड्रोजन गैस का नाम दिया था। इस गैस का नाम हाइड्रोजन इसलिए रखा गया था, क्योंकि यह गैस ऑक्सीजन (O2) गैस के साथ मिलकर जल को बनाती है। हाइड्रोजन गैस के परमाणु में एक प्रोटोन और इलेक्ट्रॉन विराजमान होता है।
अगर आपने पीरियोडिक टेबल पढ़ी है तो आपको पता होगा कि हाइड्रोजन इस टेबल में सबसे पहले आती है और यह सबसे ज्यादा हल्की गैस भी होती है। देखा जाए तो पूरे संसार में हाइड्रोजन गैस की मात्रा सबसे ज्यादा पाई जाती है और सूरज और तारों का ज्यादातर भाग भी हाइड्रोजन से ही बना होता है।
हाइड्रोजन एक बहुत ही ज्यादा सरल परमाणु होता है, इसमें स्वाद, रंग और गंध नहीं होती है। हाइड्रोजन की परमाणु गिनती भी एक होती है और साथ ही में हाइड्रोजन का परमाणु भार भी 1.008 होता है।
साथ ही में हाइड्रोजन गैस बहुत ही कम तापमान पर ठोस अवस्था में कन्वर्ट हो जाती है।
क्या हाइड्रोजन गैस संसार के हर कोने में पाई जाती है और उसकी इसकी अवेलेबिलिटी कैसी है? | सबसे हल्की गैस की availability क्या है?
हमारी धरती पर हाइड्रोजन गैस ज्वाइंट रूप से पौधों, अनाज, पेड़, तेल, वसा, पेट्रोल और साथ ही में दूसरे जीवन के पदार्थों में भी मौजूद होती है।
हाइड्रोजन गैस एसिड का एक बहुत ही जरूरी घटक होती है और साथ ही में यह bases और कार्बन के यौगिकों में भी बहुत ज्यादा पाई जाती है। हाइड्रोजन गैस ज्वाइंट रूप में बहुत ही ज्यादा अल्प मात्रा में वायुमंडल और धरती पर पाई जाती है। सूरज के परिमंडल में यह बहुत ही ज्यादा अधिक मात्रा में पाई जाती है।
हाइड्रोजन गैस का इस्तेमाल कहां पर किया जाता है? | सबसे हल्की गैस का इस्तेमाल कहां किया जाता है?
हाइड्रोजन गैस का इस्तेमाल कई उद्योगों में, वह भी कई उद्देश्यों से किया जाता है। और साथ ही में हाइड्रोजन गैस का इस्तेमाल डालडा घी या फिर वनस्पति घी को बनाने के लिए भी किया जाता है, जिसमें तेल के साथ ही में हाइड्रोजन गैस को मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है।
बहुत सारे धातुओं को बनाने के तरीके में अपचायक के रूप में भी हाइड्रोजन गैस का इस्तेमाल किया जाता है, हाइड्रोजन गैस हेबर विधि में नाइट्रोजन (N2) गैस के साथ मिलकर अमोनिया को बनाती है, जिसका इस्तेमाल भी कई इंडस्ट्रीज में किया जाता है।
हाइड्रोजन का एक और कंपोनेंट होता है जिसका नाम ऑक्सिहाइड्रोजन ज्वाला होता है, जिसका इस्तेमाल उसके ज्यादा अधिक तापमान की वजह से धातुओं को पिघलाने, जोड़ने और काटने के लिए किया जाता है।
हाइड्रोजन गैस बहुत ही ज्यादा हल्की होती है इसी वजह से इसका इस्तेमाल हवा में उड़ने वाले गुब्बारे को भरने में भी किया जाता है।
हाइड्रोजन गैस के गुण क्या हैं? | सबसे हल्की गैस के गुण
ऐसा कहा जाता है कि भविष्य में पेट्रोल का इस्तेमाल ना कर कर हाइड्रोजन गैस का इस्तेमाल गाड़ियों को चलाने के लिए किया जाएगा। हाइड्रोजन गैस ऑक्सीजन या वायु के संपर्क में आने से ही जलती है। इस गैस की ज्वाला रंगीन रंग की होती है। अगर वायु या ऑक्सीजन के साथ मिलकर हाइड्रोजन गैस जल जाती है तो यह गैस और भी ज्यादा अधिक अल्प मात्रा में हाइड्रोजन पराक्साइड को बनाती है।
अगर हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को मिलाकर आग लगा दी जाए तो बहुत ही तेज विस्फोट होता है और जल की बूंदें गिरने लगती हैं। हाइड्रोजन गैस दूसरे तत्वों के साथ मिलकर एक जॉइंट बनकर यौगिक को बनाती है।
हाइड्रोजन गैस नाइट्रोजन के साथ मिलकर, अमोनिया को बनाती है, क्लोरीन (CL) के साथ मिलकर यह क्लोराइड को बनाती है और गंधक के साथ मिलकर यह हाइड्रोजन सल्फाइड को बनाती है, इन सभी को हाइड्राइट या उदजायरे कहा जाता है।
हाइड्रोजन एक बहुत ही अलग गुणों वाली गैस है, क्योंकि वैसे तो यह केवल अधातु (बिना किसी धातु के) होती है पर अनेक यौगिकों के साथ में मिलकर यह एक धातु की तरह बर्ताव करतू है, हाइड्रोजन के दो isotopes के नाम ड्यूटीरियम और ट्रिशियम हैं।
बहुत सी researches में यह बताया गया है कि आज तक हमने केवल हाइड्रोजन का एक एंटी मैटर ही बनाया है और जिसे आप एंटी हाइड्रोजन भी कह सकते हैं, यह एंटीमैटर केवल 17 मिनट तक ही बनाया गया है। क्या आपको पता है कि हाइड्रोजन गैस हवा से भी ज्यादा हल्की होती है और इसका मास बहुत ही ज्यादा कम होता है।
हाइड्रोजन को हिंदी भाषा में उदजन कहा जाता है और लोगों के हिसाब से ऐसा माना जाता है कि महा विस्फोट यानी कि बिग बैंग के समय हाइड्रोजन के साथ दो (लिथियम और हीलियम) और substances बने थे।
हाइड्रोजन गैस के इतने ज्यादा हल्के होने की वजह से यह गैस हमारे वायुमंडल के ऊपर के हिस्से में भी पाई जाती है और यह गैस अन्य गैसों के ऊपर तैरती रहती है। द्रव हाइड्रोजन की डेंसिटी धरती पर मिलने वाले सभी सब्सटेंसस के मुकाबले कम होता है, इसी वजह से ठोस हाइड्रोजन की डेंसिटी भी सबसे ज्यादा कम होती है।
हमने आपको पहले ही बताया था कि वायुमंडल में कि हमने सबसे ज्यादा हल्की गैस हाइड्रोजन गैस है और यह एक गैस है जो बिना किसी स्वाद, रंग और गंध के होती है और हाइड्रोजन गैस बहुत ही कम ताप पर द्रव और ठोस हो जाती है।
Unconnected हाइड्रोजन गैस भी बहुत ही ज्यादा अधिक मात्रा में हवा में पाई जाती है, आज हाइड्रोजन गैस को पाने की सबसे ज्यादा सस्ती विधि वाटर-गैस वाली विधि है। जिसमें जेल को गैस या वाटर गैस में हाइड्रोजन और कार्बन मोनोऑक्साइड (monoxide) गैस दोनों ही प्रेजेंट होती है, हाइड्रोजन गैस को एक बहुत अच्छा अपचायक भी माना गया है।
गुब्बारों को भरने में किस गैस का इस्तेमाल किया जाता है?
गुब्बारों को भरने में हीलियम गैस का इस्तेमाल किया जाता है। गुब्बारा एक तरह की रबड़ से बनी हुई थैली होता है, जिसमें हवा से कोई ज्यादा हल्की गैस को डालने या भरने से वह थैली या balloon हवा में उड़ने लगती है।
गुब्बारा एक लचीले बैग की तरह होता है, यह गैस हवा से भी हल्की होनी चाहिए, जिस वजह से गुब्बारा हवा में ज्यादा आसानी से उड़ पाता है। उड़ने वाले गुब्बारों से बच्चों को सावधान रखना बहुत ही ज्यादा जरूरी होता है।
क्योंकि हवा में उड़ने वाले गुब्बारे कई बार बहुत से बड़े हादसों के कारण बन जाते हैं, इसी वजह से गुब्बारों में सस्ती गैस को भरने को बताया जाता है, जबकि हाइड्रोजन गैस की कीमत दूसरी गैसों के मुकाबले ज्यादा होती है इसी वजह से हमेशा उड़ने वाले गुब्बारों में हाइड्रोजन गैस का इस्तेमाल किया जाना चाहिए ताकि हादसे कम हों।
अगर अब आपसे कोई पूछता है कि सबसे हल्की गैस का नाम बताइए, तो आप कह सकते हैं कि सबसे ज्यादा हल्की गैस हाइड्रोजन है।
निष्कर्ष about Sabse Halki Gas
दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में हमने आपको यह बताया कि सबसे हल्की गैस कौन सी होती है, हाइड्रोजन गैस का इस्तेमाल कहां पर किया जाता है, हाइड्रोजन गैस के गुण क्या होते हैं और इस विषय से जुड़ी हुई जितनी भी जानकारी मौजूद है आपको इस आर्टिकल में देने की कोशिश की है।
हमारे ब्लॉग के इस आर्टिकल को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको धरती के वायुमंडल में मौजूद सबसे ज्यादा हल्की गैस के बारे में जानकारी देने का था, हमारे वायुमंडल में मौजूद सबसे ज्यादा हल्की गैस हाइड्रोजन गैस है।
क्योंकि इसकी रासायनिक संरचना बहुत ही ज्यादा सरल होती है और हर एक हाइड्रोजन के परमाणु में केवल एक प्रोटोन और एक ही electron होता है। हमारे इस आर्टिकल में हमने आपको हाइड्रोजन से जुड़ी हुई सारी जरूरी जानकारी दी है।
लेकिन, आपको हमारा यह आर्टिकल कैसा लगा, और हमें इस बारे में तभी पता चलेगा जब आप हमें कमेंट करके यह बताएंगे कि आपको इस आर्टिकल से कितनी जानकारी मिली है और साथ ही में यह आर्टिकल कई परीक्षाओं के नजरिए से भी बहुत ज्यादा जरूरी है।
इसी वजह से इस आर्टिकल (ब्लॉग) को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें और ऐसे लोगों के साथ भी शेयर करें जो किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हों, क्योंकि उनके लिए भी बहुत ज्यादा आवश्यक हो सकता है।
अगर आपने हमारे इस आर्टिकल (ब्लॉग) को अंत तक पढ़ा है, तो हम आपका उसके लिए दिल से धन्यवाद! करना चाहते हैं।
यह भी पढ़ें…
Leave a Reply