Edi Full Form in Hindi? क्या आप यह जानना चाहते हैं कि EDI का फुल फॉर्म क्या होता है या edi full form, edi ka full form क्या होता है, ईडीआई क्या होता है, ईडीआई का इस्तेमाल कहां पर किया जाता है और इस टॉपिक से जुड़े हुई सारी बातों के बारे में जानना चाहते हैं तो हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़िएगा।
आज के इस आर्टिकल में हम आपको ईडीआइ से जुड़े हुए सभी प्रकार के सवालों के जवाब देंगे, आपको केवल इस आर्टिकल को बड़े ही ध्यान से पढ़ना होगा।
अगर आपने इसे सही ढंग से अंत तक पढ़ लिया तो हम आपसे वादा करते हैं कि आपके मन में ईडीआई से जुड़ा हुआ कोई भी सवाल नहीं रह जाएगा।
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EDI का फुल फॉर्म क्या होता है? (full form of edi)
ईडीआई का फुल फॉर्म (full form of edi in computer) “Electronic Data Interchange” होता है, इसे हिंदी भाषा में “इलेक्ट्रॉनिक सूचना का आदान प्रदान” भी कहा जाता है।
अगर आप सोच रहे थे कि
edi full form in customs, या edi full form in export, तो हम आपको बताना चाहते हैं कि चाहते हैं कि ईडीआई का फुल फॉर्म इन दोनों इंडस्ट्रीज में भी “Electronic Data Interchange” ही होता है।
यह communication का एक ऐसा सिस्टम होता है, जिसमें एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर तक डाटा को इलेक्ट्रॉनिक रूप में ट्रांसफर किया जाता है।
क्योंकि डाटा को ट्रांसफर करने में पेपर की जरूरत नहीं पड़ती है, इसलिए इसमें किसी इंसान की मदद की भी जरूरत नहीं पड़ती है। चलिए हम आपको इसके बारे में और सामान्य जानकारी देते हैं।
अब जबकि आपको यह भी पता चल गया है कि edi full form in computer क्या होता है, अब हम आपको यह बताते हैं कि ईडीआई क्या होता है।
EDI क्या होता है?
अब तो आपको पता चल ही गया होगा कि ईडीआई का फुल फॉर्म इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज होता है। यह डाटा या जानकारी को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर तक आदान-प्रदान करने का तरीका होता है।
जैसे कंपनियों के बीच में बिजनेस के कागज आपस में लिए और दिए जाते हैं, वैसे ही इसमें एक standardized format का इस्तेमाल किया जाता है जो कंपनियों को बिना किसी इंसान के interference किए इलेक्ट्रॉनिक रूप से दूसरी कंपनियों की जानकारी या कागज भेजने की अनुमति देता है।
ईडीआई को 30 से भी ज्यादा साल पहले इस्तेमाल किया जा रहा है। मार्किट में ANSI, EDIFACT, ODETTE और X12 जैसे कई ईडीआई मानक मौजूद हैं।
ईडीआई का इस्तेमाल करने के लिए दो कंपनियों के कंप्यूटर सिस्टम्स को एक दूसरे के साथ सीधे संवाद करना पड़ता है, और साथ ही में इसमें इंसान का कोई भी रोल नहीं होता है, कंपनियों के कंप्यूटर सिस्टम्स को एक दूसरे को समझना होता है और उनके बीच में ट्रांसफर होने वाली सूचना को समझने के लिए उन्हे same standard format का पालन करना पड़ता है, आमतौर पर काम करने वाली कंपनी जब व्यापार करती है, तो वह डाटा के तेज, सटीक और भरोसेमंद विनिमय के लिए ईडीआई का ही इस्तेमाल करती है।
इलेक्ट्रॉनिक डाटा का लेनदेन करने के लिए जो कंप्यूटर डाटा भेज रहा है, उसे सेंडर का जाता है और जिस कंप्यूटर को डाटा मिल रहा है उसे रिसीवर कहा जाता है।
EDI के Documents क्या होते हैं?
ईडीआई के मुख्य कागजों के नाम यह हैं।
- Invoice
- Purchase Orders
- Shipping करने की Requests
- Acknowledgements
- Business Correspondence Letters
- Financial Information के Letters आदि।
EDI का इतिहास क्या है?
ईडीआई का इस्तेमाल उन कंपनियों द्वारा किया जा रहा है जिनका बिजनेस ऑनलाइन पर ज्यादा निर्भर करता है और जिन्हे बिजनेस पार्टनर या व्यापारिक भागीदार भी कहा जाता है।
केवल ऐसा ही नहीं ईडीआई का इस्तेमाल अभी-अभी शुरू नहीं हुआ है, इसका इस्तेमाल लगभग तीस सालों पहले से किया जा रहा है। 1960 के दशक में इसका इस्तेमाल “कंप्यूटर एक्सचेंज टू कंप्यूटर” के तौर पर किया जाता था।
जिसमें कंपनी के बिजनेस के कागजों को कंप्यूटर की मदद से ऑनलाइन भेजा और रिसीव किया जाता है। ईडीआई का इस्तेमाल करके ऑनलाइन कई जरूरी बिजनेस के कागजों का आदान- प्रदान किया जा सकता है, लेकिन ज्यादातर परचेज ऑर्डर्स और invoices के लिए ही ईडीआई का इस्तेमाल किया जाता है।
ईडीआई ने बिजनेस करने के लिए मेल भेजने का काम और उसे संभालने का काम बहुत ही ज्यादा आसान बना दिया है। ईडीआई का इस्तेमाल आजकल हर जगह किया जाने लगा है, क्योंकि इसमें पहले के तरीकों की तरह पेपर वर्क की जरूरत नहीं पड़ती है।
इस तरीके ने पेपर वर्क करने के काम को बहुत ही ज्यादा कम कर दिया है। Main रूप से ईडीआई आपको दिए जाने वाले दो ऑफलाइन कामों की जगह ले लेता है, पहले यह किसी की भी आम जिंदगी में कागज का इस्तेमाल कम कर देता है और उसकी जगह इलेक्ट्रॉनिक कागजों का इस्तेमाल करता है।
और दूसरी कि जब भी आपको किसी कागज या डॉक्यूमेंट को भेजना पड़ता है, तो आप खुद जाकर उस कागज को देकर आते थे या फिर पोस्ट ऑफिस की मदद से उसे सेंड करते थे, लेकिन उसकी जगह अब इलेक्ट्रॉनिक मेल ने ले ली है।
यदि आप भी यह दोनों काम करते थे या करवाते थे, तो आप भी अब ईडीआई का इस्तेमाल कर सकते हैं। ईडीआई आपके और आपकी कंपनी के समय को बचाता है और आपको एक बेहतर बिजनेस भागीदार बना सकता है, इस तकनीक की मदद से व्यापार करना पहले से ज्यादा आसान हो जाता है और आप हर जगह व्यापार कर सकते हैं।
EDI कैसे काम करता है?
अगर आप यह सोच रहे थे कि ईडीआई कैसे काम करता है, तो आपको चिंता करने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है, क्योंकि हम आपको उसके बारे में एक उदाहरण की मदद से समझाने वाले हैं।
कल्पना कीजिए कि आप का एक बिजनेस है और आपको किसी दूसरे बिजनेस के मालिक को कागज भेजने हैं, उसके लिए सबसे पहले आपको कागज तैयार करने होंगे और अपने कागजों को ईडीआई फॉर्मेट में ट्रांसलेट करना होगा।
फिर आपको डाटा कलेक्ट और अरेंज करना होगा, अंत में आपको अपने ईडीआई कागजों को व्यापारिक पार्टनर के साथ कनेक्ट करना करके उन्हे ट्रांसफर करना होगा, हमने आपको उसके सिस्टम के बारे में बहुत ही ज्यादा शार्ट में परिचय दिया, लेकिन अब हम आपको उसकी डिटेल्स के बारे में जानकारी देंगे।
EDI System क्या होता है?
EDI की मदद से businesses के बीच में डाटा का आदान प्रदान करने के लिए सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है और यही ईडीआई का सिस्टम कहलाता है। होस्टिंग प्रोवाइडर की मदद से कुछ ईडीआई सिस्टम्स का इस्तेमाल किया जा सकता है।
ज्यादातर ईडीआई सिस्टम्स घर में ही लगाए और इस्तेमाल किए जाते हैं। इन सिस्टम्स का इस्तेमाल कई दशकों पहले से किया जा रहा है और यह आपके बिजनेस के भागीदारों के साथ डाटा का लेनदेन करने के लिए एक तेज, भरोसेमंद कम समय लगाने वाला, एक बहुत ही बढ़िया सिस्टम है।
ईडीआई चार मुख्य घटकों की मदद से काम करता है।
मानक (Standards), अनुवाद करने वाला सॉफ्टवेयर, Integration एकीकरण और Communication संचार (VAN).
ईडीआई में संचार विधियों और versions के टाइप, जैसे कि X12 या EDIFACT, और उनसे जुड़े हुए versions जैसे कि 4010, 5010 और दूसरे अनुपालन मानक शामिल होते हैं।
EDI Transmission के लिए आपको किन-किन Steps को फॉलो करना पड़ता है?
अगर आप एक कंप्यूटर से आधारित डाटा को एक स्प्रेडशीट या डेटाबेस से export करना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले रिपोर्ट्स को डाटा फाइल्स में reformat करना होगा।
अब आपको पहले से बनी हुई एप्लीकेशंस, जैसे कि ईआरपी (ERP) को इनहांस करना होगा, जिसकी मदद से आप अपनी जरूरतों के हिसाब से आउटपुट फाइल को बना सके।
और फिर बाद में उसको मौजूदा standards (जिन पर आप दोनों ने सहमती दी है) उसमें ट्रांसलेट करने के लिए तैयार करना होगा।
अपने ईडीआई transactions के लिए आपको ईडीआई सॉफ्टवेयर को खरीदने और यूटिलाइज करना होगा जिसके लिए आपको पहले से बने हुए एक इंटरफ़ेस का इस्तेमाल करना होगा।
फिर आपको डॉक्यूमेंट या कागजों का ट्रांसलेशन करना होगा जो आप नीचे दिए गए स्टेप्स की मदद से कर सकते हैं।
- Segments
- डाटा Elements
- Delimiters
- Terminators
- एनवेलप
- कंट्रोल Segments
EDI e-commerce क्या होता है?
ईडीआई e-commerce को आयोजित करने का केवल एक ही तरीका है और वह इलेक्ट्रॉनिक है, इसी वजह से तकनीकी रूप से यह ई-कॉमर्स है।
इसका काम कागजों को प्रसारित करना और खरीद और बिक्री के प्रोसेस को पूरा करना है, यदि कम शब्दों में बताया जाए तो ईडीआई का इस्तेमाल यूजर की ऑर्डर को लेने के लिए होता है, ऑर्डर को बुक करने से लेकर डिलीवरी करने तक का काम, सब कुछ यही करता है।
EDI कितने प्रकार के होते हैं?
ईडीआई के कुल आठ प्रकार होते हैं।
- Direct ईडीआई या फिर प्वाइंट-टू -प्वाइंट
- मोबाइल ईडीआई
- ईडीआई Outsourcing
- ईडीआई सॉफ्टवेयर
- ईडीआई के साथ VAN या ईडीआई Network Service Provider
- ईडीआई के साथ AS2
- ईडीआई के साथ FPT/VPN, SFTP, FTPS
- वेब ED
EDI का इस्तेमाल क्यों किया जाता है?
ईडीआई का इस्तेमाल कागजों का आदान प्रदान करने के अलावा कई और तरीकों में होता है, जैसे कि यह आदान प्रदान करने की क्षमता को मैनुअली बढ़ा सकता है, डाटा एंट्री के समय आने वाली error को खत्म कर सकता है।
इसमें transactions को वेरीफाई करने की सुविधा के साथ आपको कंटेंट को वेरीफाई करने की सुविधा भी मिलती है। जिसमें ईडीआई स्टैंडर्ड और साफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है।
ईडीआई के बहुत से versions मौजूद है, जिसमें कम लगत वाले और अधिक लगत वाले ईडीआई भी हैं, कुछ ऐसे भी हैं जो काम को बहुत ज्यादा तेजी और सुरक्षा के साथ कर सकते हैं।
EDI मॉडल का सबसे पहला काम डॉक्यूमेंट को exchange करने का ही होता है। कभी-कभी जब लोग अपने बिजनेस को शुरू करते हैं या बिजनेस पार्टनर, सामान बेचने वाले लोगों को काम करने के लिए, अपने ईडीआई का इस्तेमाल करना जरूरी बना दिया जाता है।
ईडीआई का इस्तेमाल करके आप अपनी चालान की प्रक्रिया को सही ढंग से कर सकते हैं, इसे कैसे करना है यह हम आपको बताते हैं।
अगर किसी भी कंपनी को किसी ग्राहक को चालान भेजना होगा तो वह क्या करती हैं?
वह अपने कंप्यूटर में चालान को तैयार कर लेती हैं या बना लेती हैं, उसके बाद वह उस चालान को प्रिंट कर लेते हैं। फिर वह अपने कस्टमर को चालान ऑफलाइन भेज देती हैं जब कस्टमर को चालान मिलता है तो वह अपनी ओर से इस प्रोसेस को पूरा करता है, जिसमें वह एक कंप्यूटर की मदद लेता है।
फिर वह उस प्रिंट को निकालता है और बाकी के बचे हुए प्रोसेस को पूरा करता है, जिसमें बहुत ज्यादा समय लगता है। ईडीआई इस काम को बहुत ही आसान तरीके से ऑनलाइन करने में ही मदद करता है।
ईडीआई एक ऐसा सॉफ्टवेयर होता है कि जब कोई कस्टमर किसी प्रोडक्ट को खरीदता है, तो उस प्रोडक्ट को खरीदने के साथ उसके पास उस चीज के डिलीवर होने तक के बीच में जो कागजी काम किया जाता है, उसे आप ईडीआई सॉफ्टवेयर की मदद से बहुत ही जल्दी कर सकते हैं।
EDI को इस्तेमाल करने के फायदे क्या हैं?
ईडीआई को इस्तेमाल करने के कई फायदे हैं। जो इस तरह से हैं:
Speed: अगर आप ईडीआई का इस्तेमाल करते हैं तो जो सोचना बाकी तरीकों से हफ्तों में रिसीवर तक पहुंचती है आप उसे कुछ ही सेकेंडो में भेज सकते हैं।
Time-Saving: यह दस्तावेजों को प्रिंट करने में, संभालने में, दाखिल करने और वितरित करने में बहुत ही कम समय लगाता है, जिससे आपका समय भी बहुत ज्यादा बचता है।
Accuracy: ईडीआई में इंसान का हस्तक्षेप बहुत ही कम हो जाता है, जिसकी वजह से मानवीय गलतियों की संभावना इसमें ना के बराबर होती है। जैसे कि इलीगल लिखावट, दस्तावेजों को समझने या प्रिंट करने की गलतफहमी आदि।
Low Cost: यह कंपनियों का बहुत ज्यादा पैसा बचाने में मदद करता है, क्योंकि इसमें उत्पादन और कागजों को वितरित करने से लेकर संबंधित खर्चों को समाप्त कर दिया जाता है। जिसकी वजह से कंपनी का बहुत ज्यादा पैसा बच जाता है।
CRM: यह कस्टमर्स के साथ संबंधों को बनाने में भी मदद करता है, ताकि कंपनियां ग्राहकों की जरूरतों के हिसाब से अपने प्रोडक्ट को बहुत ही जल्दी बदल सकें, और ग्राहकों को एक बहुत ही बढ़िया एक्सपीरियंस मिले।
Real-time Transactions: किसी भी सूचना या कागज के आदान-प्रदान को प्रेजेंट समय में किया जाता है, जो बहुत ही ज्यादा तेजाई से होता है और बेहतर निर्णय लेने की अनुमती देता है।
ईडीआई दो बिजनेस साझेदारों के बीच संदेश भेजने का एक क्रम होता है, जिनमें से एक रिसिपिएंट के रूप में काम करता है। संदेश इंसान के हस्तक्षेप के बिना ही भेज दिया जाता है और इसे प्राप्त भी बिना किसी मानव के इंटरफ्रेंस के बिना कर लिया जाता है।
हर एक संदेश standardized डाटा के तत्वों के sequence हिसाब से एक standardized syntax के हिसाब से बना होता है। यह एक मानकीकरण होता है, जो कंप्यूटर की मदद से संदेश को असेंबल करना, डिसेंबल करना और प्रोसेसिंग करने के काम को संभव बनाता है।
EDI के नुकसान क्या हैं?
कई बड़ी संगठने ईडीआई का इस्तेमाल करके केवल आपस में ही बिजनेस करती हैं, इसकी वजह से यह व्यवसाय सीमित रह जाता है। इडीआई का इस्तेमाल करना छोटे बिजनेस और नए businesses के लिए बहुत ज्यादा महंगा पड़ जाता है।
ईडीआई कई मानकों का इस्तेमाल करती है जो अक्सर बिजनेस सीमित करते हैं, जैसे कि कितने डिवाइस नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं।
उदाहरण के लिए, XML वेब टेक्स्ट भाषा में एक सख्त मानकीकरण (standardization) नहीं है और यह कई programmers को कोडिंग करने की अनुमती भी दे देता है।
कठोर मानकों के अलावा भी, ईडीआई में बहुत से कगज़ों के साथ बहुत सारे कठोर standards भी हो जाते हैं, जो cross- compatibility जैसे मुद्दों को उठाते हैं।
जिसके कारण काम खराब हो सकता है, जिसका आप भी 100 परसेंट सामना करेंगे, क्योंकि आपको और दूसरे मानकों को लागू करना जारी रखना होगा।
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निष्कर्ष About edi full form in hindi
अगर आपने इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ा होगा तो आपको यह समझ में आ गया होगा कि
ईडीआई या Electronic Data Interchange एक ऐसा प्रोसेस होता है, जिसकी मदद से जानकारी या कागजों का आदान-प्रदान इलेक्ट्रॉनिक रूप से किया जाता है और इसके कई फायदे हैं, इसे बहुत सारी इंडस्ट्रीज में इस्तेमाल किया जाता है लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं।
दोस्तों हमारे में हमने आपको यह बताया कि ईडीआई का फुल फॉर्म क्या होता है, यह क्या होता है, इसका इस्तेमाल कहां पर किया जाता है, और इस विषय से जुड़े हुए सारे सवालों के जवाब आपको दिए हैं।
आशा करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा, इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें जो इस टॉपिक से जुड़ी हुई जानकारी पाना चाहते हैं।
हमारे इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद!
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