Tangible Assets क्या है? (पूरी जानकारी) | Tangible Assets Kya hai

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मित्रो आज के इस आर्टिकल में हम Tangible Assets kya hai, Tangible Assets Meaning in Hindi, assets क्या है? के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।

Tangible Assets शब्द बिज़नेस से जुड़ा है, यानी अगर आप भी बिज़नेस में interest रखते है तो आपको ये जानना बहुत जरुरी है की व्यवसाय में कौन कौन सी Assets होती है? और Tangible Assets का kya महत्व है? इन सभी सावलो के जवाब जानने के लिए इस आर्टिकल को अंतिम बिंदु तक पढना।

Assets क्या होता है? – Assets Meaning in Hindi 

Tangible Assets kya hai जानने से पहले हमें Assets kya hai के बारे में पता होना चाहिए, इसलिए इस भाग में हम आपको Assets kya hai, Assets Meaning In Hindi के बारे में बताने वाले ताकि आप Tangible Assets kya hai इसको भी बहुत ही आसानी से समझ पहोगे।

Assets को हिंदी में “सम्पति” कहते है, यह सम्पति किसी व्यक्ति, बिज़नेस, कंपनी की हो सकती है।

 जब भी कोई कंपनी या इंडस्ट्री अपना बिज़नेस शुरू करती है, तो उसमें बहुत सी चीजों की आवश्यकता होती है जैसे : बिज़नेस के लिए Cash की जरूरत होती है, Cash के अलावा भवन, मशीन, फर्नीचर, वाहन और भी कई चीजें हैं, जिनसे एक बिज़नेस शुरू होता है, इन सभी चीजों की मदद से बिज़नेस में मुनाफा कमाया जाता है, जिसको Assets ( सम्पति) कहते है।

आसान शब्दो में : कंपनी या इंडस्ट्री की वे सभी सामग्री जिसके बिना कंपनी अपना बिज़नेस नही चला सकती है वे सभी वस्तु कंपनी की Assets कहलाती है।

आप तभी गरीब हैं, जब आप हार मान लेते हैं। सबसे ज़रूरी चीज है की आपने कुछ किया। ज्यादातर लोग केवल अमीर बनने की बात करते हैं और सपने देखते हैं। आपने कुछ किया है।

Robert Kiyosaki

Types of Assets in Hindi?

मुख्य रूप से व्यवसाय में Assets (सम्पति) के दो प्रकार माने जाते है –

  1. Current Assets
  2. Non Current Assets 

1) Current Assets

Current Assets का मतलब “वर्तमान सम्पति” होता है।

यानी एक ऐसा Assets जिसकी साहयता से व्यवसाय या कंपनी को 1 साल या उससे कम समय में मुनाफा होता है वे सभी Current Assets के अंतर्गत आते है।

Current Assets में वे सभी सम्पति आती है जिसकी मदद से बिज़नेस में कम समय में अच्छा प्रॉफिट होता है और वे सभी Assets उस कंपनी के लिए हर समय जरुरी होते है ताकि उसी तरह बिज़नेस में मुनाफा आता रहे।

Current Assets के उदाहरण

Current Assets में निम्नलिखित उदाहरण आते है जिसकी मदद से कम समय में मुनाफा कमाया जाता है-

  • Cash इक्विवालेंट्स
  • Cash at Bank
  • कच्चा माल
  • तैयार माल
  • Marketable सिक्योरिटीज
  • Accrued Income

2) Non Current Assets

Non Current Assets, current सम्पति से विपरीत होती है।

Non Current Assets का मतलब एक ऐसी संपत्ति से है जिसे बेचने और पैसे कमाने में 1 साल से ज्यादा का समय लगता है, इसलिए इन्हे Non Current Assets कहते है।

इस प्रकार के Assets में किसी कंपनी द्वारा long time के लिए खरीदी गई प्रॉपर्टी या भवन (संपत्ति) हो सकती है, या फिर किसी जगह पर long time invest किया हो जिसमे मुनाफा कमाने में 1 साल से ज्यादा समय लग जाहे वे सभी Non Current Assets में आती है।

जैसे किसी म्यूच्यूअल फण्ड में लम्बे समय के लिए निवेश किया हो या 1 साल से ज्यादा का फिक्स डिपॉज़िट किया हो, ऐसे सभी investment Non Current सम्पति में आते है।

Non Current Assets के उदाहरण

Non Current Assets मुख्य रूप से दो प्रकार के होते है-

  1. Tangible Assets
  2. Intangible Assets

दोस्तों इस आज हम Non current Assets के दो प्रकारों में से Tangible Assets kya hai इसके बारे में इस लेख में जानेंगे।

Tangible Assets क्या है? (What is Tangible Assets in Hindi)

Tangible Assets को हिंदी में “मूर्त संपत्ति” कहते है, जिसका अर्थ भौतिक रूप से होता है यानी ऐसी सम्पति जिसे हम छू सकते है या महसूस कर सकते है।

किसी कंपनी या बिज़नेस की Tangible Assets वे संपत्तियां होती हैं जो उसके व्यवसाय को चलाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, यदि किसी घटना स्वरूप कंपनी की सभी Tangible Assets नष्ट हो जाती है तो उसके कारण वह कंपनी काम करना बंद कर देगी और परिणामस्वरूप उस कंपनी का व्यवसाय बंद हो जाता है।

किसी कंपनी में Tangible assets वे संपत्तियां होती हैं जिन्हें आप छू सकते हैं या देख सकते हैं क्योंकि अधिकांश Tangible assets भौतिक रूप में होती हैं, जैसे; कारखाने, मशीनें, भवन, कच्चा माल आदि सभी मूर्त संपत्ति (Tangible assets) कहलाते हैं।

किसी कंपनी में कच्चा माल सबसे महत्वपूर्ण मूर्त संपत्तियों में से एक है क्योंकि इसकी मदद से कंपनी अपने उत्पाद या वस्तु को तैयार करती है।

Tangible Assets और Intangible Assets दोनों एक दूसरे के विपरीत होती है लेकिन Tangible संपत्ति से कंपनी को मुनाफा ज्यादा होता है इसलिए इसे मुख्य आय स्रोत के रूप माना जाता है।

किसी भी कंपनी में ज्यादातर मूर्त संपत्ति Tangible रूप में होती है, इसलिए उन्हें आसानी से समाप्त किया जा सकता है यानी की अगर किसी कंपनी में आग लग जाती है या प्राकृतिक आपदा जैसा संकट आ जाता है, तो पहले उसकी Tangible संपत्ति ही बर्बाद होती है जिससे कंपनी को भारी नुकसान होता है।

Tangible Assets के प्रकार (Type of Tangible Assets in Hindi)

Type of Tangible Assets in hindi
Type of Tangible Assets in Hindi

दोस्तों कंपनी के लिए Tangible Assets बहुत जरुरी होती है, लेकिन इस Assets के भी कई भाग होते है जिसमे से आज हम Tangible Assets के मुख्य भाग या प्रकार के बारे में इस part में जानकारी प्राप्त करेगे।

इस प्रकार के Assets मुख्य रूप से दो प्रकार के होते है-

  1. Current Assets
  2. Fixed Assets

Current Tangible Assets

ये ऐसी संपत्तियां या Assets होते है जिन्हें 1 साल से भी कम समय में Cash में बदला जा सकता है, जिन्हें Short Term Assets या Liquid Assets भी कहा जाता है, इसमे कंपनी अपने स्टॉक के द्वारा शेयर मार्केट से कम समय में current प्रॉफिट कमाती है।

विस्तार से पढ़ें: Share Market Kya hai – शेयर मार्केट की सम्पूर्ण जानकारी, और कैसे सीखें?

Current Tangible Assets के Example

  • Hand Cash,
  • Bank Cash (बैंक जमा)
  • FD (जैसे: स्टॉक, बॉन्ड, म्यूचुअल फंड)
  • Stock इन्वेंट्री
  • Short term Invest 

Fixed Tangible Assets

ये ऐसी संपत्तियां या Assets हैं जिन्हें 1 वर्ष से कम समय में Cash में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है, इन्हें बिज़नेस की दीर्घकालिक संपत्ति या कठिन संपत्ति कहा जाता है।

Fixed Assets में समय के साथ-साथ इनका मूल्य घटता है।

Fixed Tangible Assets के Example

  • भूमि या भवन
  • कारखाना 
  • संयंत्र 
  • मशीनरी
  • उपकरण (प्रोडक्ट)
  • कंप्यूटर
  • फर्नीचर 

इस प्रकार की विभिन्न अचल वस्तु को Fixed Assets की श्रेणी में रखा जाता है।

Tangible assets की सूची – (Tangible assets List in Hindi)

Tangible Assets list in hindi
Tangible assets list in hindi

आम तौर पर किसी भी कंपनी या बिज़नेस को चलाने के लिए Tangible Assets की आवश्यकता पडती है, जिसकी मदद से बिज़नेस की growth भी बढ़ती जाती है।

हमने इस भाग में Tangible assets में आने वाली सम्पति की लिस्ट प्रदान की है ताकि आप इसकी मदद से Tangible Assets kya hai को आसानी से समझ सकोगे।

  • Building 
  • Machinery
  • Computer
  • Office Equipment
  • Vehicle
  • Stock(Inventory)
  • Cash
  • Bank Deposit
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Liabilities क्या है? ( What is Liabilities in Hindi)

दोस्तों Liabilities भी Assets की श्रेणी में आता है लेकिन ये Assets से एकदम विपरीत होता है इसलिए आपको इसके बारे में भी जानना बहुत जरुरी है।

Liabilities को हिंदी में “दायित्व” नाम से जाना जाता है, इसका मतलब कर्ज लेना होता है।

जब कोई कंपनी किसी दुसरी कंपनी या व्यक्ति से अपने बिज़नेस के लिए लोन लेती है और उसको बाद में चुकाती है तो उसे हम आम भाषा में ऋण कहते है, जबकि इन सारी चीजों को व्यवसाय में liabilities कहते है।

दोस्तों Assets की तरह Liabilities के भी मुख्य रूप से दो प्रकार होते है-

  1. Current Liabilities
  2. Non-Current Liabilities

Current Liabilities

Current Liabilities ऐसे ऋण होते है जिसको हमें कुछ समय अंतराल के अंदर चुकाना होता है, इसलिए इन्हे Short term Liabilities भी कहते है।

Current Liabilities के Example 

  • Short-term Loan
  • Account Payable
  • Bank Overdraft
  • Outstanding expenses

Non-Current Liabilities

ये ऐसे प्रकार के liabilities होते है जिन्हें चुकाने के लिए कुछ समय दिया जाता है जिसके अंतराल उसको चुकाना होता है।

Non Current Liabilities के Example

  • Debentures
  • Long Term loan 

Assets और Liabilities में अंतर 

                Assets               Liabilities
एकाउंटिंग के अनुसार assets वह संपती होती है, जिसे भविष्य में नकद में बदला जा सकता है।जबकि इसमें Liabilities वह ऋण होता है जिसे भविष्य में निपटाना होता है।
Assets विभिन्न प्रकार के संसाधनों को सुरक्षित करती है जो भविष्य में आर्थिक लाभ देते हो।लेकिन इसको निकट भविष्य में निपटाना होता है।
Assets depreciable वस्तु की श्रेणी में आता है।जबकि यह non depreciable होती है।
Balance seat के अंदर Assets को दाई ओर दिखाया जाता है।इसमें बाईं ओर दिखाया जाता है।
Assets को Current और Non Current के रूप में विभाजित किया जाता है।जबकि इसमें Current और Non Current Liabilities में विभाजित करते है।
Example:- भवन, लिस्ट, पेंटेंट, मशीन आदि।Example :-Electricity bill, Tax Paying, Bank Overdraft, सॉर्ट टर्म लोन आदि।

Tangible Assets को कैलकुलेट कैसे किया जाता है?

अगर आप लेखांकन से संबंधित किसी कंपनी में काम करते हैं, तो आपको पता होना चाहिए कि Tangible Assets की गणना कैसे की जाती है।

प्रत्येक Tangible संपत्ति का कुछ मूल्य या कीमत होती है जिससे बहुत ही आसानी से Assets की गणना की जाती हैं।

किसी कंपनी के Tangible Assets की गणना के लिए यह पता होना चाहिए कि उस कंपनी के पास कितनी Tangible संपत्ति है और उन सभी की कीमत क्या है कंपनी की बैलेंस शीट के द्वारा उस कंपनी की Tangible Assets के मूल्य के बारे में पता लगा सकते हैं।

बैलेंस शीट की मदद से कंपनी के Assets की गणना इसके Current Assets और Fixed Assets में अलग अलग प्रकार से की जाती है।

 Value for Current Assets

जब किसी कंपनी में इन्वेंट्री खरीदी जाती हैं, तो बैलेंस शीट पर न केवल खरीद लागत लिखी जाती है, बल्कि उसके साथ चालान लागत, परिवहन लागत, स्थापना लागत और बीमा लागत भी शामिल होती है।

इन सभी लागत को जोड़कर जो राशि प्राप्त होती है, उस राशि को Current Assets की बैलेंस शीट में दर्ज की जाती है।

Value for Fixed Assets

इसमें भी fixed assets की कैलकुलेट कंपनी में उसकी सीधी खरीदी लागत पर नहीं होती है बल्कि इसमे मूल्यह्रास के अनुसार हर साल value को Balance seat पर अलग अलग लिखा जाता है।

Tangible Assets महत्वपूर्ण क्यों होती हैं?

दोस्तों हमने आगे पढ़ा की Tangible Assets kya hai, अब हम Tangible Assets का महत्व क्यों है? के बारे में आसान शब्दो में जानेगे।

किसी भी बिज़नेस या व्यवसाय में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका Tangible Assets की होती है, प्रत्येक कंपनी में इन Assets का होना बहुत जरूरी है क्योंकि इनकी मदद से कंपनी उत्पाद या वस्तु तैयार करती है।

हर बिज़नेस को अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए ऋण की जरुरत होती है ताकि वो पर्याप्त मात्रा में माल खरीद सकता है तो उस स्थिति में वह Tangible Assets को गिरवी रख कर आसानी से ऋण ले सकता है।

अगर किसी कंपनी के पास Tangible Assets पर्याप्त मात्रा में नहीं होते है तो उन्हें लोग नहीं मिल पाता है इसलिए Tangible Assets का व्यवसाय में होना बहुत जरुरी होता है।

Tangible assets और Intangible assets में अंतर 

    Tangible Assets      Intangible Assets
वे Assets जिन्हें महसूस किया जा सकता है और देखा जा सकता है उन्हें मूर्त संपत्ति कहा जाता है।वे Assets जिन्हें महसूस और देखा नहीं जा सकता है, अमूर्त संपत्ति कहलाती हैं।
ऐसी संपत्तियों से प्रॉफिट प्राप्त करने का समय एक वित्तीय वर्ष से अधिक होता है।ऐसी संपत्तियों से लाभ प्राप्त करने की अवधि एक वित्तीय वर्ष से कम होती है 
ऐसे Assets के गुणों का भौतिक अस्तित्व होता है।ऐसे Assets के गुणों का भौतिक अस्तित्व नहीं होता।
इस प्रकार की Assets समय के साथ मूल्यह्रास करती है।ऐसी संपत्तियां समय के साथ परिशोधित की गई हैं।
इन संपत्तियों को Intangible संपत्ति की तुलना में आसानी से समाप्त किया जा सकता है क्योंकि इनका भौतिक अस्तित्व होता है।इन संपत्तियों को Tangible संपत्तियों की तुलना में आसानी से समाप्त नहीं किया जा सकता है क्योंकि उनका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है 
ये Assets किसी बिज़नेस की growth और income को बनाने में प्रमुख रूप से सहायक हैं।जबकि ये Tangible Assets की तुलना में बिज़नेस की growth और income को बनाने में प्रमुख रूप से सहायक नहीं होती है
इस प्रकार की संपत्तियों का पूंनिर्माण किया जा सकता है।इसमें Assets का पूंनिर्माण नहीं किया जा सकता है।

Tangible assets से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी

Tangible Assets किसी भी व्यवसाय में अन्य सभी प्रकार की संपत्ति से ज्यादा महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि इन Assets की मदद से ही कंपनी अपना मुनाफा या income करती है।

Tangible Assets सबसे ज्यादा उन कंपनीयों के पास होता है जो निर्माण, बुनियादी ढांचे, तेल निर्माण सबंधित बिज़नेस करती है जैसे रिलायंस इंडस्ट्रीज, ऑयल इंडिया, ओएनजीसी, जीआर इंफ्रा आदि।

Tangible Assets IT (Information Technology) से संबधित कंपनियों के पास बहुत कम संख्या में होता है जैसे TCS, Wipro आदि।

किसी भी कंपनी की बैलेंस शीट के में Tangible संपत्ति दिखाई जाती है, वह कंपनी उन Tangible संपत्ति को गिरवी या संपार्श्विक सुरक्षा के रूप में गिरवी रखकर आसानी से ऋण ले सकती हैं, जबकि Intangible संपत्ति में ऐसा नहीं होता है।

यानी कि जिस कंपनी के पास अधिक संख्या में Tangible Assets होती है, तो वह बहुत ही आसानी से इन Assets के माध्यम से अधिक ऋण ले सकती है और जिन कंपनियों के पास Tangible Assets की संख्या कम होती है, उस कंपनी को कम ऋण मिलता है।

कंपनी की अधिकांश Fixed Assets को Tangible संपत्ति कहा जाता है, जिसे हम दीर्घकालिक संपत्ति भी कहते हैं।

दीर्घकालिक संपत्तियों का उपयोग कंपनी के दैनिक संचालन में भी सबसे अधिक किया जाता है।

किसी भी कंपनी की Tangible Assets उस कंपनी की संपत्ति यानी पूंजी का एक बड़ा हिस्सा होती है, प्रत्येक Tangible संपत्ति का एक अवशिष्ट मूल्य होता है।

ये भी पढ़े:

Tangible Assets से संबधित FAQs

Assets Liabilities क्या है?

Assets Liabilities वह ऋण है जिसे Assets की मदद से भविष्य में निपटाना होता है।

Current Assets में क्या क्या आता है?

Current Assets में Cash, कैश इक्विवैलेंट्स, Account रिसीवेबल्स, Stock इन्वेंटरी, मार्केटेबल सिक्योरिटीज, प्री-पेड लायबिलिटी और अन्य लिक्विड एसेट शामिल होते हैं।

बैलेंस शीट कब तैयार की जाती है?

किसी कंपनी के संगठन में कितना निवेश किया गया है और उसके भुगतान के लिए कितनी देनदारियां जमा हुई हैं, इसकी गणना करने के लिए बैलेंस शीट तैयार की जाती है। 
 

कौन सी वर्तमान संपत्ति नहीं होती है?

Assets में भूमि को वर्तमान संपत्ति नहीं माना जाता है, इसको अचल संपत्ति के रूप में माना जाता है।

बैलेंस शीट की अवधि क्या होती है?

ज्यादातर बैलेंस शीट की रिपोर्ट 12 महीनों के लिए तैयार की जाती हैं, हालांकि कंपनी कोई भी समय निर्धारित कर सकती हैं, ये उन कंपनी के नीति और नियम पर निर्भर करता है।

निष्कर्ष : Tangible Assets kya hai in hindi

दोस्तों आज के इस लेख में हमने Tangible Assets kya hai Or Tangible Assets kya hai in hindi, Tangible Assets meaning in hindi के बारे में बहुत ही सरल भाषा में समझे है, इसके साथ ही हमने Tangible Assets में आने वाली संपत्ति के बारे में भी सीखा है।

हम आशा करते है की आपको आज Tangible Assets kya hai अच्छे से समझ आया होगा और इस article को पढ़ने के बाद आपको Tangible Assets kya hai in hindi से जुड़े सवालों के जवाब मिले होगे।

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