Trading Account Kya Hai?, ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? Or ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है?, ट्रेडिंग अकाउंट कैसे बनाये?, ट्रेडिंग अकाउंट से क्या होता है, Trading Account in hindi, Trading aur Demat account में अंतर, ब्रोकर क्या होता है, Trading Account kya hota hai हिंदी में, ट्रेडिंग अकाउंट से पैसे कैसे कमाए, शेयर बाज़ार क्या है, ट्रडिंग अकाउंट के प्रकार
दोस्तों अगर आपको भी ट्रेडिंग करने में रुचि है या फिर आप जानना चाहते है की ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? और ट्रेडिंग अकाउंट कैसे बनाये?, तो इस पोस्ट को अंतिम तक जरुर पढ़ना क्योकि इस पोस्ट में हम आपको वो सभी जानकारी देने वाले है जो आपको ट्रेडिंग सिखने में मदद करेगी।
शेयर बाजार में पैसे कमाने के लिए आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account) होना बहुत जरुरी है।
आज के समय में शेयर बाजार में लोग पैसे invest कर अच्छा मुनाफा कमा रहे है, वो चाहे ट्रेडिंग से हो या शेयर होल्डिंग से, लेकिन अगर मुनाफे की बात करे तो ट्रेडिंग में ज्यादा है लेकिन साथ में ही ट्रेडिंग में रिस्क भी ज्यादा है।
किन्तु अगर आपके पास जानकारी है या आप सिख रहे है तो भी आप पैसे कमा सकते है।
इसलिए आज हम आपको ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है? और ट्रेडिंग अकाउंट कैसे बनाये? के बारे में पूरी जानकारी सरल शब्दों में बताने वाले है, और साथ ही में आपको ट्रेडिंग अकाउंट से जुड़े अन्य प्रश्नों के जवाब भी मिल जाएंगे।
Post Contents:
ट्रेडिंग अकाउंट क्या है?- Trading Account Kya Hai
ट्रेडिंग करने के लिए एक ट्रेडिंग अकाउंट होना बहुत जरुरी है, क्योकि ट्रेडिंग अकाउंट के बिना हम ट्रेड को नही तो खरीद सकते है और नही बेच सकते है, इसलिए स्टॉक एक्सचेंज के लिए ट्रेडिंग अकाउंट होना बहुत जरुरी है।
ट्रेडिंग अकाउंट एक इन्वेस्टर या ट्रेडर के लिए इसलिए जरुरी होता है की यह उनके शेयरो की खरीदी और बिक्री करता है, और एक ट्रेडर Trading Account की मदद से Intraday Trading भी कर सकता है।
ट्रेडिंग अकाउंट बैंक और डीमैट अकाउंट के बिच की कड़ी है, क्योकि जब हम शेयर मार्केट से शेयर खरीदते है या बेचते है तो उसका पेमेंट हमारे बैंक अकाउंट से होती है और जो हमने शेयर खरीदी है या बेचीं है वो हमारे Demat Account में सुरक्षित रहता है।
शेयर मार्केट में पैसो के लेन-देन Bank Account से होता है और शेयर का लेन-देन Demat Account से होता है तथा इन दोनों अकाउंट को मैनेज करने का काम ट्रेडिंग अकाउंट करता है।
अब इनकी जगह पर स्टॉक एक्सचेंज इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम का उपयोग किया जाता है, जिसमे इन्वेस्टर को शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए शेयर मार्केट ब्रोकर के पास अपना ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होता है जिससे इन्वेस्टर को एक Trading ID दी जाती है, जिसकी मदद से वो मार्केट में स्टॉक का लेन-देन कर पाता है।
पहले के समय में स्टॉक के लेन-देन के लिए इन ऑनलाइन प्रणाली का उपयोग नही होता था, उस समय में इन्वेस्टर शेयर मार्केट का उपयोग हाथों के संकेते और मौखिक संचारो की मदद से करते थे। लेकिन इन प्रणाली से शेयर मार्केट में फ्रोड भी होता था।
दोस्तों इस समय में अधिकांश लोगो की स्टॉक मार्केट के फील्ड में रूचि बड़ी है जिससे मार्केट में ट्रेडिंग अकाउंट भी बढ़ने लगे है। NSE ( National stock Exchange ) की रिपोर्ट के अनुसार भारत में ट्रेडिंग अकाउंट के एक्टिव यूजर की संख्या 1.2 करोड़ है।
ट्रेडिंग अकाउंट क्या है आसान शब्दों में
Trading Account kya hota hai or trading account in hindi को आसान शब्दों में समझ ने के लिए हम एक Bank अकाउंट के उदारहण की मदद से समझ सकते है की जिस प्रकार से हमारे पैसे को एक सुरक्षित जगह रखने के लिए हमें बैंक अकाउंट की जरुरत होती है, जिस पर हम अपने पैसो का लेन-देन कर सकते है।
उसी प्रकार से हम जो ट्रेडिंग करके स्टॉक कमाते है या जो भी शेयर कमाते है उसका लेने-देन करने के लिए हमको एक ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है, जिसमे हम अपने शेयर बाजार से कमाए हुए पैसो का लेन-देन करते है।
शेयर या स्टॉक का लेन-देन करने के लिए Demat Account की जरुरत होती है, डीमैट अकाउंट क्या है और इसका क्या काम है इसकी पूरी जानकारी आपके इस पोस्ट में ही मिल जाहेगी, इसलिए आपको इस पोस्ट को लास्ट तक पढना है ताकि आप से कोई जानकारी ना छूट पाहे।
ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है?
अब हम ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है, और इसको बैंक अकाउंट व डीमैट अकाउंट के बिच की कड़ी क्यों कहा जाता है, इन सभी बातो का जिक्र करेंगे।
BSE व NSE भारत की स्टॉक एक्सचेंज कम्पनी है जिसमे हम अपने लिए ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाते है, लेकिन डायरेक्ट हम इन कम्पनी मे अकाउंट नहीं खुलवा सकते है।
BSE या NSE में खाता बनाने के लिए हमको किसी ब्रोकर कम्पनी की जरुरत होती है जैसे: Angeone, upstock, Zerodha आदि ब्रोकर कम्पनी है जिसकी मदद से हम अपने लिए ट्रेडिंग अकाउंट खुलवा सकते है।
एक बात ध्यान देने योग्य है की ये सभी कम्पनीया ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने और उसको मैनेज करने के लिए चार्ज लेती है, बिना चार्ज के आप ट्रेडिंग अकाउंट नहीं खुलवा सकते है।
शेयर मार्केट मे ट्रेडिंग अकाउंट के साथ Demat Account की भी जरुरत होती है क्योंकि डीमैट अकाउंट के बिना आप शेयर का लेन-देन नहीं कर सकते है।
डीमैट अकाउंट को आप किसी ब्रोकर कंपनी के पास से ट्रेडिंग अकाउंट के साथ फ्री मे भी खुलवा सकते है।
ट्रेडिंग अकाउंट, Bank और Demat Account के बिच लिंक होता है क्योंकि शेयर को रखने के लिए Demat Account की जरुरत होती है और पैसो को हम directly लेन-देन नहीं कर सकते है इसके लिए हमें Trading अकाउंट की जरुरत पडती है जिससे हम पैसो का बैंक से लेने-देन आसानी से कर पाते है।
ट्रेडिंग अकाउंट के प्रकार (Types Of Trading Account)
दोस्तों ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? और ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है? इसका जिक्र हम कर चुके है, अब हम जानेगे की ट्रेडिंग अकाउंट के कितने प्रकार होते है?
सामान्यत: शेयर बजार मे ट्रेडिंग अकाउंट के दो रूप होते है।
1) मानक ट्रेडिंग अकाउंट
इसे “सिक्योरिटी ट्रेडिंग अकाउंट” के नाम में भी जाना जाता है। इसकी मदद से आप EFT, Mutual fund, F&O, Intraday Trading आसानी से कर सकते है ये ट्रेडिंग अकाउंट उन लोगो के लिए भी फायदेमंद है जो शेयर बाजार मे शार्ट टर्म मे इन्वेस्ट करते है वे इनकी मदद से अधिक बार पैसो को इन्वेस्ट कर सकते है।
2) कमोडिटी ट्रेडिंग अकाउंट (Commodity Trading Account)
अगर आप तेल, गोल्ड, चांदी या तांबे जैसी कम्पनी मे इन्वेट्स करना चाहते है, तो आपको एक कमोडिटी ट्रेडिंग एकाउंट खोलना होगा। इस अकाउंट को खोलने के लिए एक कमोडिटी ब्रोकर की जरुरत होती है। जिसकी मदद से आप कमोडिटी फ्यूचर्स मे पैसे इन्वेस्ट करने लिए कमोडिटी अकाउंट का इस्तेमाल आसानी से कर पाहेगे! कमोडिटी ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए Demat Account की जरुरत नहीं होती है।
ध्यान रखे की हम एक ब्रोकर के पास एक ही ट्रेडिंग अकाउंट खुलवा सकते है, एक से अधिक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए अलग अलग ब्रोकर की जरुरत होती है।
ट्रेडिंग अकाउंट कैसे बनाये
दोस्तों हम ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है? के पार्ट में ये तो जान चुके है की ट्रेडिंग अकॉउंट को हम किसी ब्रोकर कम्पनी के पास से बनवा सकते है लेकिन इस पार्ट मे हम आपको वो सभी स्टेप्स बताहेंगे जिससे आप बहुत ही आसानी से ट्रेडिंग अकाउंट बना पहोगे।
ट्रेडिंग अकाउंट को किसी एक ब्रोकर वेबसाइट से बनाना होता है, उसके लिए आपको निम्न स्टेप्स का पालन करना है।
ट्रेडिंग अकाउंट बनाने के स्टेप्स –
1. सबसे पहले जिस भी ब्रोकर कंपनी से ट्रेडिंग अकाउंट बनाना है उसकी ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना है या उसकी एप्लीकेशन को डाउनलोड करना है!
2. उसके बाद आपको उस वेबसाइट या एप्लीकेशन पर अकाउंट ओपनिंग फॉर्म भरना है, जिसमे आपसे जो डिटेल्स मांगी जाहे उसे उस फॉर्म मे भर दे।
3. फिर आपको उस पर ब्रोकर प्लान को सलेक्ट करना है।
4. अब आपको अपने दस्तावेज को अपलोड करना है जैसे- आधार कार्ड, पेन कार्ड, बैंक डिटेल्स, अपनी फोटो आदि।
5. इसके बाद ब्रोकर आपकी Person Verification करता है की आपके द्वारा दी गई सभी जानकारी सही है, या नहीं यह Verification फ़ोनकॉल या वीडियो कॉल द्वारा हो सकती है।
6. सबसे अंत मे आपके आधार कार्ड का OTP द्वारा वेरिफिकेशन होता है यानी आपके जो नंबर आधार कार्ड से लिंक है उस पर OTP आते है उसको आपको ब्रोकर वेबसाइट से जोड़ना है।
7. ये सभी काम करने के बाद या Verification successful होने के बाद 24-48 घंटो मे आपका डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट बनकर तैयार हो जाता है।
8. अगर इस समय अंतराल मे आपका अकाउंट नहीं बन पाता है तो आपको अपनी ब्रोकर कम्पनी या ब्रोकर से सम्पर्क करना है जिससे आपको पता चल जाएगा की आपने किस जगह पर गलती की है या कभी-कभी हम अपनी पर्सनल details सही नहीं भरते है तो हमारे अकाउंट को approval नहीं मिल पता है।
ट्रेडिंग अकाउंट के लिए आवश्यक दस्तावेज
एक ब्रोकर कम्पनी से ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए वह कम्पनी आपसे दस्तावेज की मांग करती है जिससे आपका ट्रेडिंग अकाउंट बनकर तैयार हो जाता है।
एक रजिस्ट्रेटेर्ड ब्रोकर के पास से ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने लिए निम्न दस्तावेज की आवशयकता होती है –
- अकाउंट ओपनिंग फॉर्म
- ID proof (जैसे आधार कार्ड, वोटर ID)
- पैन कार्ड
- बैंक अकाउंट
- Cancelled चेक
- पासपोर्ट साइज फोटो
ट्रेडिंग अकाउंट के लाभ (Top 10 Benefit Of Trading Account)
ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है? इसके बारे में जानने के बाद अब हम ट्रेडिंग अकाउंट के लाभ के बारे में जानेगे | शेयर मार्केट में ट्रेडिंग अकाउंट के बहुत से लाभ है, जिसका जिक्र हम इस पार्ट में करेगे।
- ट्रेडिंग अकाउंट से हम पैसो का लेनदेन आसानी से कर सकते है
- इसकी मदद से हम शेयरों की खरीदी और बिक्री कर सकते है
- ट्रेडिंग अकाउंट से हम अपने मार्केट की study कर सकते है
- इस अकाउंट की मदद से हम अपने बैंक बैलेंस को भी मैनेज कर सकते है
- इसकी मदद से फ्रोड से बचा जा सकता है
- ट्रेडिंग अकाउंट से आसानी से ट्रैकिंग कर सकते है
- इसका उपयोग सामान्य व्यक्ति भी कर सकता है
- इसकी मदद से हम अपने शेयर को खुद से मैनेज कर सकते है
- Intraday Trading भी कर सकते है
- इसको आप अपने मोबाइल फ़ोन से भी चला सकते हो।
Trading अकाउंट और Demat अकाउंट मे अंतर
Trading Account | Demat Account |
ट्रेडिंग खाते में आप शेयर, आईपीओ, म्यूचुअल फंड और गोल्ड आदि में निवेश कर सकते हैं। | जबकि डीमैट खाते में शेयरों को डिजिटल रूप में रखा जाता है। |
ट्रेडिंग अकाउंट का उपयोग Bank अकाउंट मे पैसो के लेनदेन मे किया जाता है। | डीमैट अकाउंट का उपयोग शेयर के लेन-देन मे करते है। |
जबकि ट्रेडिंग अकाउंट का उपयोग उन शेयर को खरीदने या बेचने मे होता है। | डीमैट अकाउंट इन्वेस्टर के शेयर को इलेक्ट्रॉफार्म या डिजिटल फॉर्म मे रखता है। |
ट्रेडिंग अकाउंट मे हमें मंजूरी लेने की अवश्यकता नहीं होती है। | डीमैट अकाउंट खोलने के लिए हमें भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (SEBI) और नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) से मंजूरी लेनी होती है। |
Long Time Trading या Intraday Trading के लिए हमारे पास ट्रेडिंग अकाउंट की जरुरत होती है। | Trading Account के बिना हम Demat Account की साहयता से IPO मे इन्वेस्ट कर सकते है। |
डीमैट अकाउंट क्या है हिंदी में?
डीमैट अकाउंट की Full Form “Dematerialized Account ” होती है।
पहले के समय मे किसी व्यक्ति को शेयर खरीदने होते थे तो उनको शारीरिक रूप से शेयर exchange कम्पनी मे जाना होता था जहाँ पर उस व्यक्ति की शेयर जानकारी कागजो पर लिखी जाती थी जैसे: राम नामक व्यक्ति ने इतने शेयर इस तारीख को ख़रीदे, ऐसी तमाम जानकारियाँ जमा करते थे।
लेकिन जैसे-जैसे तकनीक विकसित हुई, शेयर बाजार ने इलेक्ट्रॉनिक रूप धारण कर लिया। अब आप इन शेयरों को किसी भी कंप्यूटर या मोबाइल की मदद से ऑनलाइन खरीद सकते हैं। इसके लिए आपको शेयर बाजार में उपस्थित होने की जरुरत नहीं होगी। आपके द्वारा खरीदे गए शेयर की जानकारी इलेक्ट्रॉनिक रूप में आपके डीमैट खाते में रखी जाती हैं।
डीमैट अकाउंट को इसलिए खोला जाता है ताकि investor अपने द्वारा खरीदे गए शेयरों को physical रूप से electronic रूप में परिवर्तित कर सके। ऑनलाइन ट्रेडिंग के समय कोई भी व्यक्ति अपने शेयर डीमैट अकाउंट की मदद से खरीद सकता है। अगर डीमैट अकाउंट मे रखें शेयर को खरीदना या बेचना चाहते हो, तो वहा पर ट्रेडिंग अकाउंट की जरुरत पड़ेगी।
भारत मे Demat Account खोलने की परमिशन एनएसडीएल (NSDL) और सीडीएसएल (CDSL) प्रदान करती हैं।
ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए सबसे अच्छी कम्पनी कौन सी है?
जब आप डीमैट अकाउंट खुलवाते है तब उसके साथ ही ट्रेडिंग अकाउंट खुलवा सकते है इसके लिए आपकी किस भी स्टॉक ब्रोकर के पास से खुलवा सकते है इन्टरनेट पर ऐसी बहुत सी कम्पनी है जो आपको डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खोल के देती है इन कम्पनी में कुछ कम्पनी का चार्ज अधिक होता है तो कुछ कम्पनी का चार्ज कम होता है।
ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए कुछ जानी मानी कम्पनी के नाम –
- Zerodha
- Upstok
- Angel one
- 5paisa
- Motilal Oswal
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Trading Account Kya Hai से सम्बंधित FAQs
Trading Account क्या है? और ट्रेडिंग अकाउंट कैसे बनाते है? इन सवालों के जवाब को जानने के बाद एक ट्रेडर के मन में कुछ और भी सवाल होते है जो ट्रेडिंग अकाउंट से जुड़े होते है इनके बारे में आपको भी जानना बहुत जरुरी है।
ट्रेडिंग अकाउंट क्यों बनाया जाता है?
शेयर बाजार में एक इन्वेस्टर द्वरा शेयर को खरीदने या बेचने के लिए एक पैसो की जरुरत होती है उन पैसो को बैंक अकाउंट से डीमैट अकाउंट तक लेन-देन का लेखा जोखा ट्रेडिंग खाते से होता है, इसलिए एक निवेशक के लिए ट्रेडिंग अकाउंट आवश्यक है जिससे वो ट्रेडिंग कर पता है।
डीमैट अकाउंट का मतलब क्या होता है?
डीमैट अकाउंट की फुल फॉर्म “Dematerialized Account” होती है जिसका अर्थ एक ऐसा खाता जहां पर शेयर को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रखा जाता है।
ट्रेडिंग अकाउंट को हिंदी में क्या कहते है?
ट्रेडिंग अकाउंट को हिंदी में व्यापारिक खाता या व्यापार खाता कहते है।
शेयर बाजार में ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा प्लेटफार्म कौन सा है?
ट्रेडिंग के लिए Zerodha या Upstok बेस्ट प्लेटफार्म है आप इन मे से किसी एक प्लेटफार्म को चुन सकते है।
भारत में कुल कितने ट्रेडिंग अकाउंट है?
देश में CDSL के पास 3 करोड़ और NSDL के पास 2 करोड ट्रेडिंग अकाउंट है और इनको मिलाने पर भारत में लगभग 5.2 करोड़ Trading Accounts है।
निष्कर्ष : Trading Account Kya Hai? – (Trading Account In Hindi)
मित्रो आज के इस लेख में हमने आपको ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है?, ट्रेडिंग अकाउंट कैसे बनाते है? Trading Account in Hindi से जुड़े विभिन सवालों की जानकारी प्राप्त की है, और इसके साथ ही हमने ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट में अंतर के बारे में भी अच्छी तरीके से जाना है।
दोस्तों हम आशा करते है की आपको आज का लेख पसंद आया होगा और आपको इस लेख की साहयता से ट्रेडिंग अकाउंट से जुड़े सभी सवालों के जवाब मिले होगे।
very helpful post for me.
Thank you Shreepal Ji… Keep reading