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दोस्तों आज हम Intangible Assets kya hai की जानकारी Intangible Assets in hindi में प्राप्त करेंगे।
अगर आप भी बिज़नेस और इन्वेस्टमेंट में interest रखते है तो आपको Intangible Assets kya hai in Hindi के बारे में जानना बहुत जरुरी होता है क्योंकि इसकी मदद से आप किसी भी कंपनी या बिज़नेस की सही वैल्यू के बारे में जान सकोगे।
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Intangible Assets क्या है? ( What is Intangible Assets in Hindi)
Intangible Assets kya hai को अच्छे तरीके से समझने के लिए हम इन्हें दो भागो Intangible Assets Meaning in Hindi, Intangible Assets Definition in Hindi में विभाजित कर इनके बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।
Intangible Assets Meaning in Hindi
Intangible Assets का हिंदी में अर्थ “अमूर्त संपत्ति” होता है, यानी ऐसी संपत्ति जिसको हम वास्तविक रूप या भौतिक रूप में नहीं देख सकते है और इन Assets को हम छू भी नहीं सकते है।
Intangible Assets की Meaning Tangible Assets से एकदम विपरीत होती है, बल्कि ये दोनों Assets Current Assets के ही प्रकार होते है।
Tangible Assets का अर्थ “मूर्त सम्पति” होता है, यानी जिसे हम देख और छू सकते है, इनको Physical Assets भी कहते है।
Intangible Assets Definition in Hindi
ऐसे Assets जिन्हें हम भौतिक रूप में देख और छू नहीं सकते है वे सभी Intangible Assets कहलाते है।
इस प्रकार के Assets Non-physical संपत्ति के होते है जिसे हम Tangible Assets की तरह महसूस भी नहीं कर सकते है।
Intangible Assets की value भी अन्य Assets की तरह काफ़ी ज्यादा होती है यानी किसी बिज़नेस को चलाने के लिए Tangible Assets की जरुरत पडती है उसी तरह बिज़नेस में Intangible Assets की भी बहुत उपयोगिता होती है।
विस्तार से पढ़ें: Tangible Assets क्या है? (पूरी जानकारी) | Tangible Assets Kya hai
Intangible Assets के प्रकार (Type of Intangible Asset in Hindi)
Intangible Assets के virtual रूप के आधार पर इन्हें दो भागों में में विभाजित किया जाता है-
- Definite Asset (निश्चित संपत्ति)
- Indefinite Asset (अनिश्चित संपत्ति)
Definite Assets
इस प्रकार के Assets को निश्चित संपत्ति भी कहते है, इसके अंतर्गत आने वाले सभी assets की एक निश्चित अवधि या समय होता है जिसके बाद इनकी वैल्यू खत्म हो जाती है।
यानी किसी कंपनी की पेटेंट या लाइसेंस एक निश्चित अवधि का होता है उसके बाद उन्हें बदलना होता है।
Indefinite Assets
इस प्रकार के Assets का मतलब अनिश्चित संपत्ति होता है, इसमें आने वाले assets की कोई समय सीमा नहीं होती है यानी Indefinite Assets कभी समाप्त नहीं होते है।
जब तक कम्पनी समाप्त नहीं होती है तब तक इस Assets की वैल्यू बनी रहती है, यानी इस Assets की value उस कंपनी पर ही निर्भर करती है।
एक कंपनी के लिए, उसका ब्रांड नाम एक Indefinite संपत्ति है क्योंकि जब तक कोई कंपनी बनी रहती है, तब तक उसका ब्रांड रहेगा।
जैसे Nike, Jio, Apple आदि कंपनी का brand logo उनकी Indefinite Assets कहलाती है।
Intangible सम्पति के उदाहरण – (Example of Intangible Asset in Hindi)
Intangible संपती के अतर्गत आने वाले सभी Assets की अपनी कंपनी में एक अलग पहचान होती है जो उस कंपनी के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है लेकिन ये Assets virtual रूप में होते है इसलिए हम इन्हे देख और छू नहीं सकते है।
इस भाग में हम आपको Intangible संपती में आने वाले कुछ महत्वपूर्ण Assets की लिस्ट प्रदान करेंगे जिससे आप Intangible Assets को बहुत आसानी से समझ पहोगे।
Intangible Assets List in Hindi
- Goodwill
- patent
- Trade Marks
- Copyright
- business Name
- Computer software
- Brand
- Legal Contract
- Franchises
Goodwill किसी कंपनी के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
Goodwill का सामान्य अर्थ है “सद्भावना” होता है यानी की किसी कंपनी या बिज़नेस का Brand नाम होता है।
Goodwill भी एक Intangible संपत्ति होती है जिसकी कम्पनी के लिए बहुत अधिक कीमत होती है।
जब कोई कंपनी या brand बहुत वर्षो से अपने कस्टमर को उच्च गुणवत्ता वाले प्रोडक्ट या बेहतर सेवा प्रदान करती है, तो इस प्रकार कंपनी की मार्केट में अपनी एक अलग पहचान बन जाती है, क्योंकि यह लोगों के बीच विश्वास बनाने में सफल हो जाती है जिससे उस कंपनी के Goodwill की भी वैल्यू बढ़ने लगती है
जैसे : मान लीजिए की आपकी कंपनी का नाम ABCD है जिसकी Book Value 5 करोड़ रुपए है और इस कंपनी को किसी और बिजनेसमैन ने 9 करोड़ रुपए में खरीद लिया तो अब आप समझ सकते हैं कि जब कंपनी की कीमत 5 करोड़ रुपए ही है तो 9 करोड़ रुपए में क्यों खरीदा? इसका सरल सा जवाब है की आपके कंपनी की Goodwill वैल्यू बहुत ज्यादा है इसलिए आपकी कंपनी की मार्केट में बहुत ज्यादा मांग है।
Intangible Assets की अवधि (Duration of Intangible Assets in Hindi)
Intangible Assets की जीवन अवधि Tangible Assets की तुलना में अधिक होती है।
इस प्रकार के Assets में दोनों प्रकार के जीवन काल आते है जिसको निम्न प्रकार से दिखाया गया है: –
- निश्चित अवधि (definite period of life)
- अनिश्चित अवधि (Indefinite Period of Life)
1. निश्चित अवधि (definite period of life)
इस प्रकार की अवधि में ऐसे Intangible Assets आते है जिनकी जीवन अवधि निश्चित होती है यानी जिसका मतलब ऐसी Assets होती है जिसकी एक निश्चित समय के बाद कार्य सीमा समाप्त हो जाती है।
किसी कंपनी को चलाने के लिए उन्हें लाइसेंस की जरुरत होती है, वह लाइसेंस कंपनी के लिए Intangible Assets होता है जिसका एक निश्चित समय होता है, उसके बाद वह expire हो जाता है।
निश्चित अवधि का उदाहरण
- Patent
- licence
- computer software
ज्यादातर कंपनी के कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की एक या दो साल की वैधता होती है, जिसके बाद वे स्वतः समाप्त हो जाएंगे।
2. अनिश्चित अवधि (Indefinite Period of Life)
Indefinite period में ऐसे Assets आते है जिनकी समय अवधि निश्चित नहीं होती है यानी इस प्रकार के assets कभी expire नहीं होते है।
Indefinite Assets की वैल्यू तब तक बनी रहती है जब तक उस कंपनी की मार्केट में वैल्यू डाउन नहीं हो यानी इस प्रकार के assets का अस्तित्व उनकी कंपनी की वैल्यू पर ही निर्भर करता है।
अनिश्चित अवधि का उदाहरण
- Brand Name
- Franchise
- Business Logo
कंपनी या किसी बिज़नेस का Brand Name उसकी Indefinite संपती होती है जो उसके वैल्यू को बढ़ाती है।
Apple कंपनी ने अपनी मेहनत से अपने Brand की वैल्यू को बढ़ाया और लोगो के बीच अपने प्रोडक्ट की पहचान को बनाया।
Apple के लिए उसका Brand logo उसकी Indefinite Assets है जिसकी कोई निश्चित अवधि नहीं है
Intangible Assets की विशेषताए
- Intangible Assets को हम देख और छू नहीं सकते है क्योंकि ये physical substance की जगह Virtual रूप में होते है।
- अगर किसी बिज़नेस या कंपनी में उनकी सभी assets खत्म हो जाती है तो Intangible Assets को कोई भी नुकसान नहीं होता है।
- Tangible Assets की तुलना में Intangible Assets की value कम होती है लेकिन कुछ कंपनियों के लिए ये Intangible Assets ज्यादा वैल्यू रखते है।
- Intangible Assets में कंपनी को अपनी संपत्ति पर बीमा कराने की जरुरत नहीं होती है क्योंकि यह Assets, Tangible Assets की तुलना में ज्यादा सुरक्षित होती है।
Balance Sheet पर Intangible Assets को क्यों नहीं लिखते है?
हर कंपनी के पास अपनी बैलेंस शीट होती है जिस पर वह अपने Assets की value और कंपनी के डाटा का रिकॉर्ड रखती है, लेकिन Intangible Assets को बैलेंस शीट पर नहीं लिखते है क्योंकि इनके Assets की value का मापन करना मुश्किल होता है।
कोई भी कम्पनी अपने Balance Sheet पर Intangible Assets की value क्यों नहीं लिखती है इसके कारण को हम दो भागो की सहायता से समझेंगे।
1. कम्पनी के लिए Intangible Assets का valuation करना बहुत कठिन होता है
Intangible Assets का मूल्यांकन बहुत मुश्किल होता है क्योंकि इन assets का कोई मूल्य नहीं होता है, यह कंपनी की growth में मदद तो करते है लेकिन इनकी कोई तह अवधि नहीं होती है, इसलिए इन्हे Balance Sheet पर नहीं लिखा जाता है।
जैसे: किसी भी कंपनी के Brand या Logo जैसी Assets का valuation करना मुश्किल होता है क्योंकि किसी के नजर में कंपनी के Brand की value जाता होती है तो किसी के लिए ये कम भी हो सकती है, जिसका हम valuation नहीं निकाल पाते है।
यह Assets समय-समय पर बदलता रहता है और इसी के कारण इन्हे कंपनी की बैलेंस शीट में दर्ज नहीं किया जाता है।
2. Book Value पर नहीं होने के कारण
अगर किसी कंपनी की सभी Tangible Assets को बेचा जाता है तो उस कंपनी के सभी खर्चो और कर्ज का भुगतान करने के बाद जो value बचती है उन्हें कंपनी Book Value कहते है।
लेकिन कंपनी के Book Value की गणना करते समय, उस कंपनी की Intangible Assets की गणना नहीं की जाती है।
इस कारण से जब कोई कंपनी बेची जाती है, तो उसे उसके Book Value से काफी अधिक कीमत पर बेचा जाता है।
Balance sheet पर कौन कौन से Intangible Assets को नही लिखा जाता हैं?
अगर कोई कम्पनी अपनी मेहनत और लगन से अपने कंपनी के नाम या Brand की वैल्यू को मार्केट में बढ़ाते है इस प्रकार की Assets को वह अपनी Balance Sheet पर नहीं लिखती है।
जैसे: Nike कंपनी ने अपनी सालों मेहनत कर मार्केट के बीच अपना दमदार ब्रांड बनाया और अपने कंपनी की वैल्यू को बढ़ाया यानी अगर देखा जाए तो इन Assets की वैल्यू एक कंपनी के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण होती है लेकिन फिर भी इन assets को बैलेंस शीट में नहीं लिखा होता है क्योंकि इन्हे कंपनी द्वारा आंतरिक रूप से विकसित किया गया है।
इसी तरह Apple कंपनी के Brand Logo की वैल्यू भी बहुत ज्यादा होती है,क्योंकि ज्यादातर ग्राहकों के मन में Apple का Logo देखकर ही ब्रांड का विश्वास पैदा हो जाता है।
तो अगर कोई अन्य कंपनी इसके Logo का उपयोग करना चाहती है, तो Apple कंपनी इससे करोड़ों रुपये लेकर उसे यह अधिकार दे सकती है।
मतलब एप्पल कंपनी के Logo की कीमत बहुत ज्यादा होती है लेकिन फिर भी इसकी वैल्यू बैलेंस शीट में नहीं लिखी जाती है क्योंकि इसे आंतरिक रूप से भी विकसित किया गया है।
Intangible Assets को कैलकुलेट कैसे किया जाता है?
जैसा की हम जानते है की कोई भी कंपनी अपने Balance Sheet पर intangible assets के डाटा को अंकित नहीं करती है
लेकिन जब कंपनी अपने intangible assets को किसी दूसरे कंपनी से खरीदती है तो उसकी वैल्यू को Balance Sheet पर लिखते है क्योंकि उस assets की कंपनी के द्वारा कैलकुलेशन की जाती है।
उदाहरण सहित समझे
दोस्तों मान लीजिये की आपने कोई XYZ नाम की कम्पनी से 2 करोड़ रुपये में पेटेंट की खरीदारी की है जो एक निश्चित Intangible Assets होता है, तो कंपनी की बैलेंस शीट पर 2 करोड़ रुपये लिखे जाएंगे।
कोई भी कंपनी अपने इस Assets को Balance Sheet के लॉन्ग टर्म assets में अंकित करती है।
लेकिन पेटेंट की अधिकम आयु या अवधि 20 साल के लिए होती है उसके बाद ये expire हो जाते है, इसलिए हर साल उनका मूल्य घटता जाता है, यानी हर साल पेटेंट का परिशोधन होता है।
इसलिए कंपनी के द्वारा पेटेंट की खरीदी रकम को 20 साल से विभाजित किया जाता है, और उसके बाद 1 साल के लिए जो राशि प्राप्त होती है तो उसको हर साल के Balance Sheet में लिखी जाती है।
Customer किसी कंपनी का Intangible Assets कैसे होता है?
Customer को कंपनी का intangible Assets के रूप में माना जाता है।
जब कोई कंपनी अपने प्रोडक्ट को ऑनलाइन बेचती है तो वहाँ पर वह अपने प्रोडक्ट को बेचने का एक सिस्टम तैयार करती है यानी जब कोई customer उस कंपनी के site या apps से उस प्रोडक्ट को खरीदता है तो वह अपनी सभी details जैसे Name, Address, Mobile number आदि जानकारी भर देता है और इस तरह ग्राहक का बहुत सारा डेटा कंपनी के पास जमा हो जाता है जिसे वह देख या छू नहीं सकता, जिसका मूल्य कंपनी के लिए बहुत अधिक होता है।
इस कारण से ही एक customer को कंपनी की intangible assets माना जाता है जिसकी वैल्यू उस कंपनी और बिज़नेस के लिए बहुत अधिक होती है।
Intangible Assets की महत्वपूर्ण जानकारी हिंदी में
किसी कंपनी के Accounting के विवरणों में Intangible Assets के मूल्यों को प्राप्त करना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि इन Assets की वैल्यू का मापन करना लगभग असम्भव है।
सामान्य रूप से Intangible Asset को Balance Sheet पर नहीं लिखते है लेकिन कुछ ऐसे भी assets होते है जिनको कंपनी की Balance Sheet पर लिखा जाता है।
एक कंपनी या बिज़नेस में intangible assets की वैल्यू का अधिक महत्त्व होता है क्योंकि की ये कंपनी की Brand वैल्यू को बढ़ाते है।
किसी कंपनी के लिए Tangible Assets की तुलना में Intangible Assets ज्यादा सुरक्षित होते है।
Intangible Assets और Tangible Assets अंतर
Intangible Assets | Tangible Assets | |
परिभाषा | एक Intangible संपत्ति का भौतिक अस्तित्व नहीं होता है इसलिए हम इन्हे देख और छू नहीं सकते है, लेकिन कंपनी के लिए इनका मूल्य अधिक होता है। | जबकि Tangible संपत्ति का एक सीमित मूल्य और एक भौतिक अस्तित्व होता है, जिसको हम आसानी से देख या महसूस कर सकते है। |
भौतिक अस्तित्व | एक Intangible संपत्ति का भौतिक अस्तित्व नहीं होता है, और Tangible संपत्ति की तुलना में व्यापार करना अपेक्षाकृत कठिन है। | Tangible संपत्ति का एक भौतिक अस्तित्व होता है, और इसमें Intangible संपत्ति की तुलना में व्यापार करना अपेक्षाकृत आसान है। |
नकद | Tangible संपत्ति की तुलना में Intangible संपत्ति को Cash में बदलना बहुत आसान है। | Intangible संपत्ति की तुलना में Tangible संपत्ति को Cash में बदलना थोड़ा कठिन है। |
मूल्यांकन | Intangible Assets का virtual रूप होने से इनका मूल्यांकन करना कठिन होता है। | जबकि Tangible Assets का मूल्यांकन करना Intangible Assets की तुलना में आसान होता है। |
परिसमापन | इनकी मार्केट में बिक्री करना या इनको बेचना मुश्किल होता है क्योंकि ये भौतिक रूप में नहीं होते है। | एक Tangible Assets की बाजार में बिक्री करना बहुत आसान होती है क्योंकि ये भौतिक रूप में होती है। |
Examples | Goodwill Brand Patents Copyright Trademark | Land and property Machinery Buildings and facilities Furniture Computer equipment Vehicles Cash |
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Intangible Asset kya hai से संबधित FAQs
Assets के कितने प्रकार के होते हैं?
सामान्य रूप से Assets दो प्रकार के होते हैं-
Operating Asset
Non operating Assets
सह स्वामित्व से आप क्या समझते हैं?
सह-स्वामित्व का अर्थ होता है कि दो या दो से अधिक व्यक्ति एक ही Assets के लिए मालिक रखते हैं।
बैलेंस शीट कब बनती है?
कंपनी को जब अपने बिज़नेस के लिए पैसे चाहिए होते हैं या कर्ज लेना होता है या Tax जमा करना होता है, तब उसे Balance Sheet की जरूरत पड़ती है।
लायबिलिटी कितने प्रकार के होते हैं?
Liabilities के भी दो प्रकार होते हैं-
1. Current Liabilities
2. Non Current Liabilities
Loan और Liabilities में क्या अंतर है?
Bank, Loan का एक रूप होती हैँ जो की किसी मजदूर और बिज़नेस दोनों को loan प्रदान करती हैँ, लेकिन Liabilities में केवल व्यवसाय या बिज़नेस को ही कर्ज दिया जाता है।
Balance Sheet को सरल शब्दों में क्या कहते हैं?
एक बैलेंस शीट एक नकद का विवरण होती है जिसमें एक विशिष्ट समय पर कंपनी की Assets या Liabilities का विवरण लिखा जाता है।
निष्कर्ष: Intangible Asset kya hai in Hindi
दोस्तों आज के इस लेख में हमने Intangible Assets kya hai Or Intangible Assets in Hindi से जुड़े विभिन्न प्रश्नों के जवाब और Intangible Assets kya hai in hindi की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त की हैँ।
किसी बिज़नेस या कंपनी में Intangible assets को बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण क्यों माना जाता है? और ये कंपनी की वैल्यू को कैसे बढ़ाते है?, इसके बारे में भी हमने एस आर्टिकल में समस्त जानकारी प्राप्त की है।
हम आशा करते है की Intangible Assets kya hai अच्छे से समझ आया होगा और इस लेख को पढने के बाद Intangible Assets kya hai in Hindi से संबधित सवालों के जवाब मिले होगे।
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